नई दिल्ली, 06 फरवरी (हि.स.)। जनवरी का महीना घरेलू शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों के कारोबार के लिहाज से एक बार फिर दबाव वाला साबित हुआ। इस महीने विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 87,374.66 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की। इस कारण स्टॉक मार्केट में विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी घट कर 12 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई।
जनवरी के महीने की शुरुआत से ही विदेशी संस्थागत निवेशक बिकवाली का दबाव बनाते रहे, लेकिन महीने के दूसरे पखवाड़े में एफआईआई ने बिकवाली और तेज कर दी। डिपॉजिटरी से मिले आंकड़ों के अनुसार जनवरी में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कुल 2,42,699.59 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की, वहीं 3,30,074.25 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की। इसमें एफआईआई ने सबसे अधिक बिकवाली फाइनेंशियल, आईटी, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर सर्विसेज और ऑटोमोबाइल सेक्टर के शेयरों में की। इसमें भी सबसे अधिक बिकवाली फाइनेंशियल सेक्टर में की गई। इस सेक्टर में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने जनवरी के दूसरे पखवाड़े के दौरान 12,745 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
इस पखवाड़े में ही एफआईआई ने आईटी और कंज्यूमर सर्विसेज सेक्टर के शेयरों में 4,544 करोड़ रुपये और 4,840 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की। इसके अलावा इसी अवधि में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के 3,899 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की, जबकि कैपिटल गुड्स सेक्टर के शेयरों में विदेशी निवेशकों की बिकवाली 3,077 करोड़ रुपये की रही। इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर में 2,869 करोड़ रुपये, सर्विस सेगमेंट में 1,334 करोड़ रुपये, कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 1,277 करोड़ रुपये और पावर सेक्टर में 1,083 करोड़ रुपये की बिकवाली की। डिपॉजिट से मिले इन आंकड़ों से साफ है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बड़े सेक्टर्स में अपनी स्टॉक होल्डिंग कम कर दी।
हालांकि, जनवरी के दूसरे पखवाड़े में विदेशी निवेशकों ने कुछ सेगमेंट्स में खरीदारी पर भी जोर दिया। इस दौरान एफआईआई ने टेलीकॉम सेक्टर में 643 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की। इसी तरह टेक्सटाइल सेक्टर में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 397 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। डायवर्सिफाइड स्टॉक्स में एफआईआई ने 287 करोड़ रुपये की खरीदारी दर्ज की। जनवरी के महीने में विदेशी संस्थागत निवेशकों की गई बिकवाली के कारण स्टॉक मार्केट में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी घट कर 16.08 प्रतिशत के स्तर पर आ गई, जो जून 2012 के बाद अभी तक का सबसे निचला स्तर है। इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों के पास मौजूद एसेट्स अंडर कस्टडी (एयूसी) घट कर 67.76 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर आ गई, जो पिछले 8 महीने का सबसे निचला स्तर है।
पिछले 4 महीने के अवधि में एफआईआई-एयूसी में 10.20 लाख करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, इस अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की स्टॉक मार्केट में हिस्सेदारी बढ़कर 10.28 प्रतिशत हो गई है, जो इससे पहले दिसंबर के महीने में 9.93 प्रतिशत के स्तर पर थी। आंकड़ों से साफ है कि घरेलू शेयर बाजार से लगातार पैसा निकालने के बावजूद डीआईआई ने खरीदारी करके बाजार को क्रैश होने से बचाने की कोशिश करने के साथ स्टॉक मार्केट में अपनी पकड़ भी मजबूत की है।