कोलकाता, 07 फ़रवरी (हि. स.)। पश्चिम बंगाल में, विपक्षी दलों ने बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (बीजीबीएस) के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा किए गए निवेश के दावों को चुनौती दी है। भाजपा और माकपा ने बीजीबीएस को एक “भ्रम” बताया है।
राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने बीजीबीएस को एक “दृष्टिकोणात्मक भ्रम” के रूप में वर्णित किया, जिसे राज्य में औद्योगिकीकरण की कमी छिपाने के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि यह समिट वास्तव में व्यापार या वैश्विक मुद्दों के बारे में नहीं है, बल्कि फर्जी एमओयू पर हस्ताक्षर करने और अन्य प्रशंसनीय लेकिन व्यर्थ कार्यों के बारे में है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कोलकाता में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं, जैसे मेट्रो रेल, रेलवे विस्तार, और हवाई अड्डे के विस्तार, राज्य सरकार के साथ भूमि अधिग्रहण की समस्याओं के कारण विलंबित हैं। अधिकारी ने सरकार से इन मुद्दों को हल करने और निवेशकों को आश्वासन देने का आग्रह किया।
इसी प्रकार, माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने बीजीबीएस को सरकार द्वारा आयोजित एक वार्षिक उत्सव बताया, जो व्यापार के लिए एक “मेनू” प्रदान करता है और “क्रोनी कैपिटल” को बढ़ावा देता है। उनका मानना है कि समिट में प्रस्तुत किए गए निवेश के आंकड़े और एमओयू जमीनी हकीकत से कोसों दूर हैं, क्योंकि वे वास्तव में किसी भी ठोस परिणाम में तब्दील नहीं होते।