जयपुर, 7 फ़रवरी (हि.स.)। राज्य सरकार भू-जल स्तर बढ़ाने व वर्षाजल संरक्षण करने के लिए प्रभावी कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक को अटल भू-जल योजना में जोड़ने के लिए केन्द्र सरकार से आग्रह किया है। यह जानकारी भू-जल मंत्री कन्हैया लाल ने शुक्रवार काे विधानसभा में दी।
उन्होंने बताया कि राज्य के भू-जल संसाधनों की नई आकलन रिपोर्ट वर्ष-2024 में 295 पंचायत समितियों तथा सात शहरी क्षेत्रों सहित कुल 302 इकाइयों का आंकलन किया गया है। जिसमें 214 इकाइयां अतिदोहित, 27 इकाइयां संवेदनशील, 21 इकाइयां अर्द्धसंवेदनशील, 37 इकाइयां सुरक्षित तथा तीन इकाइयां लवणीय श्रेणी के अन्तर्गत वर्गीकृत हैं। राज्य की भू-जल दोहन दर 149.86 प्रतिशत रही है।
उन्होंने बताया कि जनवरी 2019 से 31 दिसम्बर 2023 के दौरान वर्षा जल संरक्षण के लिए भू-जल पुनर्भरण के प्रचलित तकनीकी उपायों के माध्यम से विभिन्न प्रकार की कृत्रिम भू-जल संरचनाओं का निर्माण करवाया गया। इसी कारण भीलवाड़ा के भू-जल परिदृश्य में सकारात्मक परिणाम आए। उन्होंने बताया कि विभिन्न योजनाओं के तहत किए गए कार्यों के परिणामस्वरूप भीलवाड़ा की 12 पंचायत समितियों में से सात पंचायत समितियों आसीन्द, बिजोलिया, जहाजपुर, कोटड़ी, मांडलगढ, शाहपुरा और सुवाणा में औसत भू-जल स्तर में बढोतरी हुई है। उन्होंने भीलवाडा की पंचायत समितियों की औसत भूजल स्तर की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।
विधायक गोपीचन्द मीणा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि जनवरी 2019 से 31 दिसंबर 2023 के दौरान भीलवाडा में भू-जल स्तर बढ़ाने व वर्षाजल संरक्षण करने के लिए जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग द्वारा विभिन्न विभागों के समन्वय से कार्य किया गया। जिसमें विभिन्न योजनाओं के तहत फार्म पोण्ड, जल संरक्षण संरचनाएं, परकोलेशन टैंक, संकन टैक, एनिकट इत्यादि का निर्माण अथवा पुनरुद्धार किया गया।