-भारत भूमि का दर्शन करने के लिए वर्षों से बचाते हैं पाकेट मनी
महाकुंभनगर, 13 जनवरी (हि.स.)। प्रयागराज महाकुंभ में इन दिनों आस्था का सागर हिलोरें मार रहा है। महाकुंभ में भारत के सुदूर प्रान्तों के अलावा देश विदेश के भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में आकर संतों के सत्संग व संगम स्नान कर पुण्यलाभ अर्जित कर रहे हैं। आस्था में सराबोर प्रवासी भारतीय महाकुंभ में आकर अपने को शौभाग्यशाली मान रहे हैं।
मॉरिशस से अपने साथियों के साथ आये कृष्णा नितिन्दे ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि भारत देवभूमि है। यहां के कण—कण में भगवान हैं। महाकुंभ में आने से इसकी प्रत्यक्ष अनुभूति हो रही है। मुझे लग रहा है जैसे भगवान हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। महाकुंभ में आकर संतों के दर्शन व संगम स्नान कर हमारा मन पवित्र व पावन हो गया है। आत्मा पवित्र हो गयी। मन ईश्वर में लीन हो गया। यहीं का हो गया। हमारी जड़ें भारत से जुड़ी हैं। हम लोग अयोध्या से मिट्टी लेकर आये हैं। प्रयागराज की भी मिट्टी लेकर मॉरिशस जाएंगे।
शिवमय ने कहा कि भारत के लोग भाग्यशाली हैं कि उनका जन्म इस पवित्र भूमि पर हुआ। उन्होंने बताया कि हमारे पूर्वज भारत से जाकर मॉरिशस में बसे। इसलिए भारत के प्रति व सनातन के प्रति हमारी श्रद्धा है। मॉरीशस के लोग भारत भूमि के दर्शन के लिए रोते हैं। हम लोग वर्ष भर पाकेट मनी निकालकर रखते हैं, तब भारत आते हैं।
शिवमय ने बताया कि उड़ीसा के भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद गया में भगवान जगन्नाथ जी का दर्शन किया। इसके बाद अपने साथियों के साथ अयोध्या गया। शिवमय कहते हैं कि जब मैंने पहली बार रामलला का दर्शन किया तो मेरी आंखों से आंसू टपकने लगे। अपने को रामलला के समक्ष पाकर जो अनुभव हुआ, वह बिलकुल अलग है। पहले टीवी पर देखा था। यहां आने पर भगवान राम का साक्षात दर्शन हुआ। प्रयागराज महाकुंभ व पतित पावन पापनाशिनी मां गंगा की अनुभूति से मन प्रफुल्लित है। इसके वर्णन के लिए मेरे पास तो शब्द नहीं है।
वसुदेव ने बताया कि उड़ीसा में प्रवासी भारतीय दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री ने अदभुत स्वागत किया। इसके लिए हम मारीशस की ओर से नरेन्द्र मोदी को बधाई देता हूँ। महाकुंभ पहुंचकर जो आनंद की अनुभूति हो रही है, उसे मैं भावों में व्यक्त नहीं कर सकता।




