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शिमला : नगर निगम का यू-टर्न, सार्वजनिक शौचालयों में नहीं लिया जाएगा पुरुषों से शुल्क

शिमला, 31 दिसंबर (हि.स.)। राजधानी शिमला में सार्वजनिक शौचालयों के इस्तेमाल पर पुरुषों से शुल्क (यूरिनल) लगाने का मामला तूल पकड़ने के बाद नगर निगम को अपने निर्णय पर यू-टर्न लेना पड़ा है। इस फैसले के विरोध में जनता और सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाओं के बाद नगर निगम शिमला के महापौर सुरेन्द्र चौहान ने स्पष्ट किया कि शहर में सार्वजनिक शौचालयों के उपयोग पर पुरुषों से कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा।

जनता को कोई शुल्क नहीं देना होगा : महापौर

नगर निगम शिमला के महापौर सुरेन्द्र चौहान ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नगर निगम की ओर से सार्वजनिक शौचालयों पर शुल्क लगाने का कोई प्रस्ताव हाउस में नहीं लाया गया था और न ही ऐसा कोई विचार है। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग निशुल्क रहेगा। महापौर ने यह भी स्पष्ट किया कि सुलभ इंटरनेशनल द्वारा हाई कोर्ट में दायर याचिका के आधार पर जो निर्देश दिए गए हैं। उनमें लिंग समानता सुनिश्चित करने की बात है। नगर निगम इसे लागू करेगा। लेकिन किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा।

महापौर ने कहा कि शिमला शहर में सभी नागरिकों को सार्वजनिक शौचालयों का निशुल्क उपयोग सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। हमारा उद्देश्य स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देना और शिमला को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखना है।

सोशल मीडिया पर हुआ विरोध, जनता ने जताया आक्रोश

इससे पहले नगर निगम हाउस की सोमवार को हुई बैठक में महिलाओं और पुरुषों के लिए सार्वजनिक शौचालयों पर समान शुल्क लगाने का निर्णय लिया गया था। इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर जनता ने इसे लेकर नगर निगम की आलोचना शुरू कर दी। लोगों का कहना था कि यह फैसला आम जनता पर अतिरिक्त बोझ डालने जैसा है। विरोध इतना बढ़ा कि नगर निगम को अपना फैसला बदलने पर मजबूर होना पड़ा।

भाजपा का निशाना, सरकार के नक्शेकदम पर चल रहा नगर निगम : कर्ण नन्दा

नगर निगम शिमला के इस फैसले को लेकर विपक्ष ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि नगर निगम शिमला ने इस निर्णय से अपनी संकीर्ण सोच का परिचय दिया है। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी करण नंदा ने मीडिया से कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान चला रहे हैं तो दूसरी तरफ नगर निगम शिमला जनता पर नए-नए करों का बोझ डालने के लिए ऐसे निर्णय ले रहा है। यह फैसला स्वच्छता को बढ़ावा देने के बजाय गंदगी को प्रोत्साहन देगा।

कर्ण नंदा ने आगे कहा कि नगर निगम शिमला यहां की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के नक्शे कदम पर चल रहा है और जनता को अनावश्यक परेशान कर रहा है। विपक्ष को ऐसे जनविरोधी फैसलों पर अपनी बात रखने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

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