वाराणसी, 13 जनवरी (हि.स.)। पौष मास के पूर्णिमा तिथि पर सोमवार के सुखद संयोग में सनातनी श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद श्री काशी विश्वनाथ दरबार में दर्शन पूजन के लिए उमड़ पड़े है। दरबार में दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालु मंगला आरती के पहले ही कतारबद्ध होने लगे। मंगला आरती के बाद मंदिर का पट खुलते ही हर—हर महादेव के उद्घोष के बीच श्रद्धालु दरबार में पहुंचे और बाबा के पावन ज्योर्तिलिंग का झांकी दर्शन और जलाभिषेक किया। दर्शन पूजन के बाद श्रद्धालु आह्लादित दिखे। दरबार में प्रयागराज महाकुंभ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई है।
महाकुंभ की अवधि डेढ़ महीने तक बाबा के स्पर्श दर्शन पर रोक लगाई गई है। महाकुंभ की अवधि में सिर्फ मंगला आरती का ही टिकट श्रद्धालुओं को मिलेगा। दरबार में गर्भगृह के बाहर चारों द्वारों से ही दर्शन पूजन की सुविध श्रद्धालुओं को दी गई है। महाकुंभ के तीन शाही स्नान वाले दिनों में दरबार में मंगला आरती और सुगम दर्शन की बुकिंग नहीं होगी। 12 फरवरी तक 10 ऐसे दिन हैं, जिसमें मंगला आरती और सुगम दर्शन के लिए टिकट नहीं मिलेंगे। धाम में भक्त दर्शन-पूजन के लिए चार जिग-जैग लाइन से गुजर रहे हैं। हर एक लेन की लंबाई 50 मीटर तक है। मंदिर के जिग-जैग कतार में ही शिवभक्तों को लगभग दो किमी तक पैदल चलना पड़ रहा है।
पौष पूर्णिमा पर दरबार में मंगला आरती तड़के 2.45 पर की गई। दरबार में मध्यान भोग आरती पूर्वाह्न 11:35, सप्त़ऋषि आरती शाम सात बजे, श्रृंगार भोग आरती रात 8:45 बजे और शयन आरती रात 10:30 बजे होगी। उधर, पौष पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिला प्रशासन ने सुरक्षा का व्यापक प्रबंध किया है। सभी 84 घाटों पर जल पुलिस और एनडीआरएफ के जवान मोटरबोट से गश्त कर रहे हैं। गंगा में नावों पर अधिक सवारी बैठाने वाले माझियों को चेतावनी के साथ उनकी निगरानी भी हो रही है। नाविक समाज भी गंगा में कोई श्रद्धालु न डूबे इसके लिए घाटों पर सजग है। मां गंगा निषाद राज सेवा समिति के सदस्य भी सतर्क है।