फतेहाबाद, 7 फरवरी (हि.स.)। मनोहर मेमोरियल कॉलेज ऑफ एजुकेशन फतेहाबाद में 28 जनवरी से शुरू हुए सूक्ष्म शिक्षण कार्यक्रम में शुक्रवार को ‘शिक्षण अभिरुचि परीक्षण’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला कॉलेज की अकैडमिक कमेटी और मनोविज्ञान क्लब के द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें बी.एड., बी.ए.बी.एड. और डी.एल.एड. के विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। कार्यशाला का उद्देश्य भावी शिक्षकों को शिक्षण अभिरुचि के महत्व से अवगत कराना और उन्हें प्रभावी शिक्षण तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान करना था। एसबीपी डीएवी सेंटेनरी स्कूल, फतेहाबाद से व्याख्याता प्रेरणा ने विद्यार्थियों को शिक्षण को एक कला बताते हुए प्रभावी शिक्षक बनने के गुर सिखाए। उन्होंने विद्यार्थियों को विभिन्न शिक्षण रणनीतियों और तकनीकों के बारे में विस्तार से बताया। प्रेरणा ने शिक्षण अभिरुचि के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को एक सफल शिक्षक बनने के लिए आवश्यक गुणों के बारे में भी बताया। उन्होंने विद्यार्थियों के साथ बातचीत की और उनके प्रश्नों के उत्तर दिए। कार्यशाला में विद्यार्थियों के लिए एक शिक्षण अभिरुचि परीक्षण का भी आयोजन किया गया, जिससे उन्हें अपनी शिक्षण क्षमताओं का मूल्यांकन करने में मदद मिली। कार्यशाला के अंत में प्राचार्या डॉ जनक रानी ने श्रीमती प्रेरणा को धन्यवाद देते हुए कहा कि शिक्षण अभिरुचि आज के समय में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कार्यक्रम इंचार्ज डॉ. नरेंद्र कुमार और रेखा रानी को इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी और विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की। कार्यशाला में डॉ. नरेंद्र कुमार ने कहा कि सूक्ष्म शिक्षण में इस तरह के कार्यशाला का आयोजन बहुत ही महत्वपूर्ण है। इससे विद्यार्थी स्कूलों में जाकर अपनी विभिन्न प्रकार के कौशलों का प्रदर्शन कर सकेंगे क्योंकि 10 फरवरी से विद्यार्थी शिक्षण अभ्यास के लिए विभिन्न स्कूलों में जा रहे हैं तो यह उनके लिए बहुत लाभप्रद रहेगा। विद्यार्थियों ने शिक्षण अभिरुचि से संबंधित महत्वपूर्ण जो जानकारियां प्राप्त कीं, वो भविष्य में एक सफल शिक्षक बनने के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगी।