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कार और बस में टक्कर के बाद यात्री बस पलटी, 22 लोग घायल

खूंटी, 5 जनवरी (हि.स.)। खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग पर तोरपा थाना क्षेत्र के चंद्रपुर मोड़ के पास रविवार को सुबह लगभग नौ बजे कार और यात्री बस के बीच हुई टक्कर के बाद बस के पलट जाने से 22 लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। बस पर सवार एक व्यक्ति का हाथ कटकर बस मेंं ही रह गया।

सभी घायलों का तोरपा रेफरल अस्पताल में प्रारंभिक इलाज के बाद सभी को सदर अस्पताल खूंटी रेफर कर दिया गया। जानकारी के अनुसार फिजाएंड फिजा नामक यात्री बस तपकारा से रांची जा रही थी। चंद्रपुर मोड़ के पास बस एक कार टकरा कर पलट गई। दुर्घटना की सूचना मिलते ही तोरपा के विधायक सुदीप गुड़िया तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और फोन कर खूंटी और तोरपा की सभी एंबुलेंस को बुलाकर घायलों को अस्पताल भेजा। बाद में खुद रेफरल अस्पताल पहुंचे और घयालों को अस्पताल भेजने में मदद की।

दुर्घटना में कमड़ा निवासी राहिल भेंगरा और अनिमा भेंगरा, रनिया निवासी राहिल एंजेला टूटी , शांति नगर तोरपा निवासी निमुती टोपनो

, सुनीता बारला खुदीवीर, रांची निवासी

शेख राजू ,तपकरा निवासी साहिन खातून

जैना मोड़ अकबर अंसारी , संतोषी टोपनो , संगीता गुड़िया, विनय आईंद, शांति सोय, नियरजन बरजो , शिवानी हेमरोम, गटुहातू, छोटन आईंद उयूर गुड़िया, कोनुएंट गुड़िया तपकरा, दीपक कुमार, साहिल अंसारी और शाहबाज अंसारी शामिल हैं।

रेफरल अस्पताल में नहीं था कोई डॉक्टर, आयुष चिकित्सक ने किया इलाज

रेफरल अस्पताल में बद इंतजामी कोई नई बात नहीं है, पर उस समय स्थिति और तकलीफ देह हो जाती है, जब कोई दुर्घटना हो जाती है और इलाज के लिए अस्पताल में कोई चिकित्सक न मिले। दुर्घटना में 22 से अधिक लोगों को रविवार सुबह अस्पताल लाया गया और आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ संजय ने घायलों का इलाज किया। आयुष चिकित्सक डॉ संजय रनिया में पदस्थापित हैं। उन्हें आपातकालीन स्थिति के लिए रेफरल अस्पताल बुलाया गया था। घायल के परिजनों का कहना है कि रेफरल हॉस्पिटल इस क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल है और वहां किसी एमबीबीएस डॉक्टर का नहीं रहना दुर्भाग्यपूर्ण है। लोगों ने इसकी शिकायत विधायक सुदीप गुड़िया और सिविल सर्जन डॉ नागेश्वर मांझी से भी की। अस्पताल के कर्मचारियों से भी स्वीकार किया कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मिदेन मुंडू हमेशा अस्पताल से गायब रहते हैं। वे रांची में रहते हैं। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के नहीं रहने से पूरी व्यवस्था चरमरा गई है।

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