कोलकाता, 11 मार्च (हि.स.) ।पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के 77 विधायक जीते थे, लेकिन अब उनकी संख्या घटकर 65 रह गई है। पार्टी में टूट, इस्तीफे और विधायकों के निधन की वजह से यह संख्या घटी है, और अब खबरें हैं कि आठ और विधायक भाजपा के लिए सिरदर्द बन सकते हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के दो विधायक, जो पहले से सांसद थे, इस्तीफा देकर वापस संसद चले गए। इसके बाद, धीरे-धीरे आठ और विधायकों ने पार्टी छोड़ दी। एक विधायक का निधन हो गया, जबकि एक और विधायक ने 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर सांसद बनने के बाद इस्तीफा दे दिया। इन सभी सीटों पर हुए उपचुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा, जिससे पार्टी की सीटें 65 तक सिमट गईं।
सोमवार को हल्दिया की भाजपा विधायक तापसी मंडल ने पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थाम लिया। यह भाजपा के लिए दोहरे झटके जैसा है, क्योंकि तापसी के पार्टी छोड़ने से विधानसभा में भाजपा की ताकत घटी, और दूसरी ओर, वे शुभेंदु अधिकारी के गढ़ की विधायक थीं। तृणमूल इसे शुभेंदु के प्रभाव क्षेत्र में बड़ी सेंध बता रही है।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के अंदरूनी हालात अभी और खराब हो सकते हैं, क्योंकि कई विधायक बागी तेवर अपना चुके हैं। इनमें खासतौर पर उत्तर बंगाल, राढ़ बंग और मतुआ बहुल क्षेत्रों के विधायक शामिल हैं।