Sun, Mar 30, 2025
21 C
Gurgaon

न्यूजीलैंड में 6.8 तीव्रता का भूकंप, नागरिकों को समुद्र तट से दूर रहने की चेतावनी

वेलिंगटन, 25 मार्च (हि.स.)। न्यूजीलैंड के दक्षिण द्वीप के निचले हिस्से में लोगों ने भूकंप के शक्तिशाली झटके महसूस किए हैं। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.8 मापी गई। न्यूजीलैंड की आपदा एजेंसी यह आकलन कर रही है कि इससे सुनामी का कोई खतरा है या नहीं। न्यूजीलैंड भूकंप के लिहाज से अत्यधिक सक्रिय ‘रिंग ऑफ फायर’ पर बसा है। रिंग ऑफ फायर लगभग 40,000 किलोमीटर का घेरा है। यह प्रशांत महासागर के अधिकांश हिस्से को घेरने वाले ज्वालामुखियों और समुद्री खाइयों से भरा है।

द न्यूजीलैंड हेराल्ड अखबार के अनुसार, 6.8 तीव्रता का भूकंप जटिल भूकंपीय वातावरण में आया है। ऑस्ट्रेलियाई टेक्टोनिक प्लेट सीमा के पास सबसे तेज कंपन हुआ। ऑस्ट्रेलियाई प्लेट प्रशांत प्लेट के नीचे गोता लगाती है। वैज्ञानिकों ने हाल ही में इस क्षेत्र में कई मंजिल ऊंची सुनामी लहरें उठने के बारे में चेतावनी दी थी। यह भूकंप 2ः43 बजे आया। इसका केंद्र द्वीप के उत्तर-पश्चिम में लगभग 160 किलोमीटर दूर धरती से 33 किलोमीटर की गहराई पर रहा।

4700 लोगों ने महसूस किया झटका

नेशनल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी ने साउथलैंड और फियोर्डलैंड क्षेत्रों के लोगों को समुद्र तटों से दूर रहने की सलाह दी है। एजेंसी का कहना है कि समुद्र की असामान्य धाराएं खतरा बन सकती हैं। न्यूजीलैंड की सरकारी भूकंप निगरानीकर्ता जियोनेट ने कहा कि 4700 से अधिक लोगों ने भूकंप का झटका महसूस किया। भूकंप विज्ञानी डॉ. फिन इल्स्ले-केम्प के विक्टोरिया विश्वविद्यालय के सहकर्मी इस क्षेत्र में अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को भूकंप के लिहाज से कम आंका गया है। यहां अन्य क्षेत्रों की तुलना में बहुत कम शोध किया गया है। जबकि यहां शक्तिशाली भूकंप आए हैं। 2009 का 7.8 तीव्रता वाला फियोर्डलैंड भूकंप खाई के उत्तरी छोर के करीब आया था। इससे 1945 में नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम की तुलना में 25,000 गुना अधिक ऊर्जा उत्सर्जित हुई थी। इसकी क्षमता दक्षिण द्वीप को मोड़ने के लिए पर्याप्त थी। इल्सले-केम्प ने कहा कि विशेषज्ञ भूकंप के फोकल मैकेनिज्म पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

इतिहास का सबसे शक्तिशाली भूकंप 3800 साल पहले आया

साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार इतिहास का सबसे शक्तिशाली भूकंप करीब 3800 साल पहले 9.5 मैग्नीट्यूड के साथ उत्तरी चिली में आया। इसके झटके चिली से करीब 5,000 किलोमीटर दूर न्यूजीलैंड तक महसूस किए गए और सुनामी आ गई थी। इस शोध के सह लेखक प्रोफेसर जेम्स गोफ के अनुसार अभी तक माना जा रहा था कि उत्तर में इस तरह की घटना नहीं हो सकती, लेकिन अब हमारे पास इससे जुड़े सबूत हैं। उत्तरी चिली के अटाकामा रेगिस्तान तट को दुनिया का सबसे शुष्क वातावरण वाला क्षेत्र माना जाता है। इसके बावजूद शोधकर्ताओं को यहां तट से सैकड़ों किलोमीटर अंदर तक समुद्री जीवों और तलछट के सबूत मिले हैं, जो किसी बड़ी सुनामी के जरिए पहुंचे होंगे। इस स्टडी में समुद्र तट के करीब खुदाई में कई इमारतें मिली हैं जो किसी ताकतवर लहर से तबाह हुई हैं। सुनामी के बाद इस जगह को बसने में करीब 1000 साल लग गए। प्रोफेसर जेम्स गोफ का कहना है कि दक्षिणी गोलार्ध में यह सबसे पुराना उदारण है, जहां भूकंप और सुनामी की वजह से लोगों की जिंदगी पर इतना गहरा असर पड़ा। प्रोफेसर गोफ के अनुसार, इस अध्ययन की शुरुआत से पहले संयोग से न्यूजीलैंड के चैथम द्वीप पर एक साइट की जांच की गई। वहां कई बड़े पत्थर मिले, जो करीब 3800 साल पुराने थे। यह वही वक्त था जब उत्तरी चिली में भूकंप और सुनामी आई थी।

Hot this week

गंगा नदी के हालात का आकलन करने के लिए पर्यावरणविदों का विशेष अभियान

कोलकाता, 25 जनवरी (हि.स.)कोलकाता की एक पर्यावरण संस्था ‘मॉर्निंग...

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...

सुनहरा लम्हाः धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स

नासा की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके...
spot_img

Related Articles

Popular Categories