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बीएयू ने 63 हजार किसानों को किया जागरूक: विकसित कृषि संकल्प अभियान से मिली नई तकनीक और योजनाओं की जानकारी

रांची, 4 जून (हि.स.)बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) द्वारा चलाए जा रहे विकसित कृषि संकल्प अभियान ने झारखंड के 16 जिलों के 63,207 किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक किया है। 29 मई से 12 जून तक चलने वाले इस अभियान के तहत वैज्ञानिकों और कृषि अधिकारियों की टीम गांव-गांव जाकर किसानों से सीधे संवाद स्थापित कर रही है।

बीएयू के कुलपति डॉ. एस.सी. दुबे ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य किसानों को खरीफ मौसम की फसलों, मिट्टी परीक्षण, फसल सुरक्षा, और सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी देना है, ताकि वे उत्पादन और आय में बढ़ोतरी कर सकें।

📈 अभियान की प्रमुख उपलब्धियां

  • 646 गांवों में सीधा संवाद
  • 63,207 किसानों को प्रशिक्षण और जानकारी
  • 36 टीमों में 56+24+29+78 = 187 विशेषज्ञ और अधिकारी शामिल
  • हर टीम प्रतिदिन 3 गांवों में कार्यक्रम आयोजित कर रही है

🌾 मुख्य विषय और तकनीकी जानकारी

अभियान के दौरान धान, मक्का, मोटे अनाज (श्री अन्न), अरहर, मूंगफली, सोयाबीन, तिल जैसी खरीफ फसलों की उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी दी गई। साथ ही किसानों को बताया गया कि मिट्टी जांच कर उसकी उर्वरता के अनुसार पोषक तत्वों का सही उपयोग कैसे किया जाए।

🏛️ केंद्र एवं राज्य सरकार की प्रमुख योजनाएं

किसानों को निम्नलिखित योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया:

  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
  • पारंपरिक कृषि विकास योजना
  • कृषि यंत्रीकरण उप-मिशन
  • किसान क्रेडिट कार्ड योजना
  • प्रधानमंत्री कुसुम योजना
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
  • झारखंड किसान समृद्धि योजना
  • बिरसा बीज उत्पादन योजना
  • झारखंड कृषि ऋण माफी योजना
  • मिलेट मिशन योजना

🧪 वैज्ञानिक और विशेषज्ञों की भूमिका

इस अभियान में बीएयू के कृषि विज्ञान केन्द्रों के 56 वैज्ञानिक, मुख्यालय और महाविद्यालयों से 24 वैज्ञानिक, ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) से 29 वैज्ञानिक और राज्य सरकार के 78 कृषि पदाधिकारी शामिल हैं। अभियान की निगरानी डॉ. रेखा सिन्हा (निदेशक, प्रसार शिक्षा) और डॉ. बी.के. अग्रवाल (नोडल पदाधिकारी) कर रहे हैं।

डॉ. दुबे ने कहा कि यह अभियान कृषि को आत्मनिर्भर और किसानों को सक्षम बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे इन योजनाओं से जुड़ें और आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करें।

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