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पाकिस्तान में आतंकवादियों ने चेक पोस्ट पर किया कब्जा — लेवी जवान बने रहे दर्शक, पांच को मिली सजा!

इस्लामाबाद, 01 जुलाई (हि.स.) — पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादियों ने एक चेक पोस्ट पर कब्जा कर लिया, लेकिन वहां तैनात लेवी जवान न सिर्फ कोई जवाबी कार्रवाई करने में विफल रहे, बल्कि चुपचाप तमाशा देखते रहे। इस लापरवाही के चलते पांच जवानों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।


🔥 क्या हुआ हमला?

घटना पाक-अफगान सीमा के निकट नोशकी जिले की है, जहां किशिंगी चेक पोस्ट पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया।

  • आतंकी स्वचालित हथियारों से लैस थे
  • उन्होंने पोस्ट पर कब्जा किया, जवानों से हथियार और उपकरण लूट लिए
  • लेवी के वाहनों में आग लगाई
  • और बिना किसी रुकावट के भाग निकले

🛑 जवानों की नाकामी और बर्खास्तगी

पाकिस्तानी अखबार डॉन के अनुसार, इस हमले के वक्त लेवी जवानों ने कोई प्रतिरोध नहीं किया।
➡️ 5 जवानों को ड्यूटी में लापरवाही के लिए तुरंत बर्खास्त कर दिया गया है।
➡️ अधिकारियों ने माना कि जवानों की निष्क्रियता ने आतंकियों को हमला सफल बनाने का मौका दिया।


🛡️ कौन होते हैं लेवी फोर्स?

लेवी जवान पाकिस्तान के सीमावर्ती और आदिवासी इलाकों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात होते हैं।

  • ये जवान पुलिस की पहुंच से दूर क्षेत्रों में काम करते हैं
  • सीमा शुल्क, स्थानीय विवादों और सुरक्षा व्यवस्था में इनकी अहम भूमिका होती है
  • इनके पास सीमित संसाधन और ट्रेंनिंग होती है, लेकिन जिम्मेदारी बेहद बड़ी

📉 पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल

यह घटना सिर्फ एक चेक पोस्ट पर हमला नहीं थी, बल्कि यह पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती है।

  • आतंकी संगठन बेधड़क सीमाओं के भीतर घुसकर हमला करते हैं
  • सुरक्षा बलों की निष्क्रियता पर सवाल उठते हैं
  • और फिर बर्खास्तगी जैसी कार्रवाइयों से हालात की गंभीरता छिपाई जाती है

🧭 आगे क्या?

यह हमला एक बार फिर दर्शाता है कि पाकिस्तान को अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षात्मक रणनीति को गंभीरता से लेना होगा।

  • ट्रेनिंग और मॉनिटरिंग की सख्त जरूरत है
  • आतंकियों की पहुंच और रणनीति को समझने के लिए इंटेलिजेंस नेटवर्क को और मज़बूत करना होगा
  • वरना ऐसी घटनाएं राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए घातक सिद्ध होंगी

क्या पाकिस्तान इन चुनौतियों से पार पा सकेगा?

बलूचिस्तान की यह घटना सुरक्षा तंत्र की कमजोरी का बड़ा संकेत है।
क्या बर्खास्तगी से होगा समाधान?
या अब वक्त आ गया है सिस्टम में बड़े बदलाव का?

👉 अपना विश्लेषण कमेंट में बताएं और जुड़ें साउथ एशिया की सुरक्षा चर्चा से।

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