प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घाना यात्रा ने भारत-घाना संबंधों को ऐतिहासिक मोड़ दे दिया है। तीन दशकों में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने घाना की आधिकारिक यात्रा की, और इस दौरान उन्हें घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से नवाजा गया।
🤝 भारत-घाना साझेदारी के नए अध्याय
अकरा स्थित जुबिली हाउस में पीएम मोदी और राष्ट्रपति जॉन ड्रमानी महामा के बीच उच्चस्तरीय वार्ता में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति बनी:
- व्यापार और निवेश में सहयोग
- डिजिटल इंडिया के तत्व: UPI, डिजिटल पेमेंट, जन औषधि
- स्वास्थ्य और वैक्सीन उत्पादन
- कौशल विकास और शिक्षा
- रक्षा और मैरीटाइम सुरक्षा
📑 हुए चार महत्वपूर्ण समझौते
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान
- मानकीकरण में सहयोग
- पारंपरिक चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान
- विदेश मंत्रालयों के बीच संयुक्त आयोग की बैठकें
इन समझौतों का उद्देश्य स्थायी और संस्थागत सहयोग को बढ़ावा देना है।
🏅 पीएम मोदी को मिला सर्वोच्च सम्मान
प्रधानमंत्री को यह सम्मान घाना सरकार द्वारा उनके नेतृत्व, वैश्विक दृष्टिकोण, और द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई देने के लिए दिया गया। उन्होंने इसे भारत के 1.4 अरब नागरिकों को समर्पित किया।
“यह सम्मान हमारी मित्रता की गहराई और साझी जिम्मेदारी का प्रतीक है।” — नरेंद्र मोदी
📈 भारत-घाना संबंध: भविष्य की दिशा
- वैश्विक बायोफ्यूल्स एलायंस में घाना को जोड़ने का प्रस्ताव
- घाना में स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना
- आईटीईसी और आईसीसीआर स्कॉलरशिप की संख्या दोगुनी
- साइबर सुरक्षा और सैनिक प्रशिक्षण में सहयोग
- ‘फीड घाना’ योजना में भारत की भागीदारी
- वैश्विक मंचों पर साझी आवाज़ उठाने की प्रतिबद्धता
🌐 वैश्विक दक्षिण और जी-20
भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता दिलवाना घाना के लिए भी गौरव का विषय रहा। पीएम मोदी ने घाना की Voice of Global South समिट में भागीदारी की सराहना की।
👨👩👧👦 घाना में भारतीय समुदाय का योगदान
प्रधानमंत्री ने घाना में बसे भारतीय समुदाय की डॉक्टरों, इंजीनियरों और शिक्षकों की भूमिका को सराहा और कहा कि वे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सेतु हैं।
📌 निष्कर्ष
भारत और घाना के संबंध अब केवल ऐतिहासिक नहीं, रणनीतिक और भविष्य-उन्मुख बनते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा द्विपक्षीय सहयोग को डिजिटल, रक्षा और सामाजिक विकास के नए आयामों में विस्तारित करती है। यह यात्रा वैश्विक दक्षिण की आवाज़ को और मजबूत करती है।
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