श्रीनगर, 3 जुलाई (हि.स.)। वार्षिक अमरनाथ यात्रा 2025 आज से औपचारिक रूप से शुरू हो गई।
भक्तों का पहला जत्था बालटाल और नुनवान आधार शिविरों से पवित्र गुफा मंदिर की ओर रवाना हुआ, जहां 3880 मीटर की ऊंचाई पर प्राकृतिक रूप से निर्मित बर्फ का शिवलिंग श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है।
🕉️ दो प्रमुख मार्गों से हुई शुरुआत
- नुनवान-पहलगाम मार्ग: पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा रास्ता
- बालटाल मार्ग: अपेक्षाकृत छोटा 14 किलोमीटर का रास्ता
सुबह होते ही पुरुष, महिलाएं और साधु-संतों के जत्थे “बम-बम भोले” के नारों के साथ दोनों आधार शिविरों से रवाना हुए।
📸 भगवती नगर से पहला जत्था रवाना
2 जुलाई को जम्मू के भगवती नगर स्थित यात्रा बेस कैंप से 5,892 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। यात्रियों का कश्मीर घाटी में जोरदार स्वागत किया गया।
🔐 सुरक्षा के कड़े इंतजाम
यात्रा के शांतिपूर्ण संचालन के लिए सरकार ने बहुस्तरीय सुरक्षा प्रबंध किए हैं:
- CRPF, ITBP, J&K पुलिस की तैनाती
- ड्रोन और हवाई निगरानी
- हर रूट पर मेडिकल सुविधाएं, कंट्रोल रूम और हेल्प डेस्क
- महिला और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए विशेष सहायता केंद्र
🗓️ कब तक चलेगी यात्रा?
इस वर्ष 38 दिवसीय अमरनाथ यात्रा का समापन 9 अगस्त 2025 को होगा।
इस दौरान लाखों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे।
🙏 श्रद्धालुओं में उत्साह
तीर्थयात्रियों ने रवाना होते समय कहा,
“हम सालों से इस पवित्र यात्रा का इंतजार कर रहे थे। अब बाबा बर्फानी के दर्शन का समय आ गया है।”
📌 निष्कर्ष
अमरनाथ यात्रा 2025 न केवल एक धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि कश्मीर घाटी के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को भी प्रभावित करती है।
शुरुआती रुझान और व्यवस्थाएं बेहतर दिख रही हैं, जिससे यह उम्मीद की जा सकती है
कि इस बार की यात्रा सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होगी।