हरियाणा के प्रतिष्ठित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU), हिसार में चल रहा छात्रों का 3 सप्ताह लंबा विरोध प्रदर्शन आखिरकार समाप्त हो गया। छात्रों और सरकार के बीच हुई गहन बातचीत के बाद प्रशासन ने मांगों पर सहमति जताई है, जिसमें जांच का आदेश और कुछ अधिकारियों को हटाना शामिल है।
🕯️ विरोध की पृष्ठभूमि:
- प्रदर्शन की शुरुआत एक शैक्षणिक निर्णय, अनुशासनात्मक कार्रवाई और कथित भ्रष्टाचार को लेकर हुई थी।
- छात्रों ने शासन-प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए धरना शुरू किया था।
- विरोध के दौरान कक्षाएं बाधित, कैंपस में तनावपूर्ण माहौल और मीडिया का ध्यान बना रहा।
🗣️ छात्रों की मुख्य मांगें थीं:
- कुछ विभागाध्यक्षों और प्रशासकीय अधिकारियों की भूमिका की जांच।
- भ्रष्टाचार और भेदभाव की शिकायतों पर कार्रवाई।
- निष्कासित/निलंबित छात्रों की पुनर्बहाली।
- शैक्षणिक और छात्र हितों की अनदेखी पर कड़ा रुख।
🤝 सरकार का रुख और समाधान:
सरकार की ओर से एक विशेष प्रतिनिधिमंडल ने छात्रों से संवाद किया और समझौते की घोषणा की:
- छात्रों की शिकायतों की जांच समिति गठित की जाएगी।
- दो अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाया गया है।
- प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी।
- विश्वविद्यालय में शैक्षणिक व्यवस्था बहाल करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
📰 HAU प्रशासन का बयान:
विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी छात्रों को आश्वासन दिया है कि:
“विश्वविद्यालय सभी छात्रों के हित में पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से काम करेगा। भविष्य में संवाद को प्राथमिकता दी जाएगी।”
🔍 संक्षिप्त विश्लेषण:
यह प्रदर्शन हरियाणा के उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र आवाज की शक्ति का उदाहरण बन गया है। छात्रों ने शांतिपूर्ण तरीक़े से अपनी बात रखी और लोकतांत्रिक रूप से समाधान प्राप्त किया।