📍 हमला कहाँ हुआ?
इज़रायली सेना ने तीन मुख्य बंदरगाहों पर बमबारी की:
- होडेदाह बंदरगाह
- रास-ईसा बंदरगाह
- अस-सलिफ़ बंदरगाह
यह बंदरगाह हौथियों के लिए हथियार और सप्लाई चैन का केंद्र माने जाते हैं।
🔥 इज़रायली हमला क्यों हुआ?
- इज़रायल का दावा: हौथी विद्रोही इन्हीं बंदरगाहों से मिसाइल और ड्रोन लॉन्च कर रहे थे।
- हमला एक जवाबी कार्रवाई थी।
- इसमें रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया गया।
🚀 हौथियों की जवाबी कार्रवाई
- हमला होने के कुछ ही घंटों बाद, हौथियों ने मिसाइलें दागीं।
- टारगेट: इज़रायल के सैन्य और सीमावर्ती क्षेत्र।
- कुछ मिसाइलों को आयरन डोम सिस्टम ने रोका।
- कुछ मिसाइलें सीमा के भीतर भी गिरीं।
🌊 रेड सी: अब व्यापार या युद्ध?
इस संघर्ष का प्रभाव अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर भी पड़ सकता है:
- रेड सी व्यापार रूट अब असुरक्षित हो गया है।
- तेल और खाद्य आपूर्ति बाधित हो सकती है।
- जहाज़ों को अब वैकल्पिक रूट अपनाने पड़ सकते हैं।
⚠️ संभावित खतरें
यदि यह संघर्ष बढ़ता है, तो ये खतरे सामने आ सकते हैं:
- मानवीय संकट – यमन को मिलने वाली आपूर्ति बंद हो सकती है।
- सीमा संघर्ष – इज़रायल को और हमलों का सामना करना पड़ सकता है।
- वैश्विक असर – पेट्रोलियम और शिपिंग रेट्स में तेज़ी आ सकती है।
🧩 निष्कर्ष: क्या यह युद्ध की शुरुआत है?
- क्या यह हमला केवल सुरक्षा के लिए था?
- या यह एक बड़े युद्ध की शुरुआत है?
- हौथियों की प्रतिक्रिया और इज़रायल की रणनीति आने वाले दिनों में तय करेगी कि स्थिति कितनी बिगड़ेगी।