📉 BSE शेयर की असामान्यता – क्या हो रहा है?
- BSE share पिछले महीने 15% गिर गया और अब ₹2,395–₹2,450 के क्षेत्र में ट्रेड कर रहा है—52‑week high ₹3,030 से भारी गिरावट
- SEBI ने Jane Street पर F&O कारोबार में हेरफेर का आरोप लगाते हुए प्रतिबंध लगाया, जिससे डर का माहौल बन गया
🔍 गिरावट की स्पष्ट वजहें
- Regulatory Fear: SEBI की कार्रवाई से derivatives की ट्रेडिंग में गिरावट की आशंका
- Volume Dip Risk: SEBI प्रतिबंध Jane Street और retail traders पर असर डालेगा, जिससे BSE के revenue पर असर हो सकता है
- Expiry Shift: BSE ने derivative expiry मंगलवार से गुरुवार किया—NSE पर दबदबा बन सकता है
📊 टेक्निकल-परफ़ॉर्मेंस Snapshot
- Stock ने 20‑day SMA का समर्थन तोड़ा—Technical Sell-off तेजी से बढ़ा
- RSI लगभग 36—oversold territory, short-term bounce की संभावना है
💼 फंडामेंटल स्थिति
मेट्रिक | स्थिति |
---|---|
Market Cap | ₹1.07 लाख करोड़ |
PE Ratio | ~75× (high) |
P/B Ratio | ~22× (high) |
ROE | ~34% |
Debt‑to‑equity | Debt‑free |
Q4 PAT Growth | +362% YoY, ₹494 crore; Dividend ₹23/share |
⚠️ Short‑Term Risk Factors
- Jane Street के प्रतिबंध की लंबी कानूनी लड़ाई हो सकती है
- Derivative संदर्भ में संभावित regulatory tightening
- Expiry समय बदलने से BSE के market share में नुकसान ऑफ़र हो सकता है
🎯 क्या निवेशक करें?
- Short‑term traders: Bounce के लिए संभावित समर्थन ₹2,400 के आस-पास होगा—SL के साथ ट्रेंड का इंतज़ार करें।
- Long‑term investors: Fundamentals मजबूत है—क्योंकि growth, dividend, zero-debt, IPO pipeline आदि मौजूद हैं। यह dip खरीदारी का अवसर हो सकता है लेकिन regulatory पहलुओं पर नज़र रखना जरूरी है।
🔚 निष्कर्ष
BSE शेयर गिरावट, SEBI जांच, derivatives में uncertainty और expiry shift जैसी वजहों से दबाव में हैं।
लेकिन कॉरपोरेट के फायनांशल स्टेबिलिटी, zero-debt और मजबूत IPO pipeline इसे long‑term निवेश के लिए आकर्षक बनाती है।
Short-term volatility हो सकती है, लेकिन dip खरीदना रणनीतिक विचार है।