🚨 यारलुंग जंग्बो बांध: ब्रह्मपुत्र का नियंत्रण चीन के हाथों में?
📍 सीमा से सिर्फ 30 किलोमीटर दूर
चीन ने भारत की सीमा से मात्र 30 किमी दूर, यारलुंग जंग्बो (ब्रह्मपुत्र) नदी पर विशाल बांध बनाना शुरू कर दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह बांध निर्माण 2030 तक पूरा किया जाएगा और चीन को सीमा पार जल प्रवाह को नियंत्रित करने की क्षमता मिल जाएगी।
⚡ 70 गीगावाट बिजली, पर भारी रणनीतिक असर
यह परियोजना थ्री गॉर्जेस बांध को पीछे छोड़ देगी।
167 बिलियन डॉलर लागत का अनुमान है।
20 किलोमीटर लंबी सुरंगें बन रही हैं।
चाइना याजियांग ग्रुप इसका संचालन कर रहा है।
🗺️ भारत और बांग्लादेश पर असर
ब्रह्मपुत्र नदी भारत के 13 करोड़ नागरिकों और 60 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को जीवन देती है।
बांग्लादेश की सिंचाई का 55% हिस्सा इसी से पूरा होता है।
यदि चीन जल रोकता है या मोड़ता है, तो भारी जल संकट उत्पन्न हो सकता है।
🌍 पर्यावरणीय और मानवीय खतरे
हिमालय क्षेत्र में इतने बड़े बांध से भूकंपीय खतरे बढ़ सकते हैं।
12 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो सकते हैं।
कई पवित्र स्थल नष्ट होने की आशंका है।
तिब्बती सांस्कृतिक विरासत पर गहरा असर पड़ेगा।
💡 क्यों चिंताजनक है यह कदम?
चीन पहले भी मेकांग नदी पर बनाए बांधों से थाईलैंड, वियतनाम और कंबोडिया में सूखे का कारण बन चुका है।
इसी पैटर्न पर ब्रह्मपुत्र भी चीन के जल कूटनीति हथियार का हिस्सा बन सकता है।