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अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ की देशव्यापी संघर्ष की घोषणा

नई दिल्ली, 07 अप्रैल (हि.स.)। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षकों की समस्याओं के लिए देशव्यापी संघर्ष की घोषणा की है। यह आंदोलन सालभर चलेगा। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पाण्डेय ने यह जानकारी पत्रकारों की। उन्होंने कहा कि साल के आखिर में नई दिल्ली में संघ का राष्ट्रीय अधिवेशन होगा। संवाददाता सम्मेलन में प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल सहित अन्य 14 राज्यों के पदाधिकारी मौजूद रहे।

शिक्षक नेता पाण्डेय ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में रविवार शाम संवाददाता सम्मेलन पूरी कार्ययोजना का विवरण साझा किया। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र और राज्य सरकारों ने समस्याओं का समाधान नहीं किया कि अगले साल शिक्षक कर्मचारी एकजुट होकर बड़ा आंदोलन करेंगे। पाण्डेय ने कहा कि इस साल देश के सभी राज्यों और जनपद मुख्यालयों में धरना दिया जाएगा। इस दौरान प्रशासन के माध्यम से शिक्षकों की समस्याओं पर केंद्रित ज्ञापन केंद्र और राज्य सरकारों को भेजे जाएंगे।

कुछ समय से संगठन के पदाधिकारियों के विवाद पर सवाल पूछे जाने पर संघ के उपाध्यक्ष रामअवतार पाण्डेय ने बताया कि कतिपय लोग यह भ्रम फैला रहे हैं कि वह लोग ही असल पदाधिकारी हैं। ऐसा करने वालों में पूर्व महासचिव कमलाकान्त त्रिपाठी और वासूराज गुरीकर प्रमुख हैं। ओडिशा निवासी त्रिपाठी सेवानिवृत्त हैं। वह बीजू जनता दल के सक्रिय सदस्य हैं। साथ ही बीजद के कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। ऐसा करना संघ का नियमावली का उल्लंघन है। संघ के दूसरे नेता घनश्याम प्रसाद यादव ने आरोप लगाया कि त्रिपाठी लगातार संगठन को कमजोर करने की साजिश कर रहें है। उनके बहकावे में आकर सेवानिवृत्त वासूराज गुरीकर उनका साथ दे रहे हैं। गुरीकर तो एक राजनीतिक पार्टी से चुनाव भी लड़ चुके हैं। उनका साथ पूर्व पदाधिकारी रंगराजन भी दे रहे हैं। रंगराजन और समानांतर खड़ी गई उनकी कार्यकारिणी के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट में गुहार लगाई गई है। हाई कोर्ट ने सत्यापन के लिए तीन सदस्यीय पूर्व न्यायाधीशों की कमेटी गठित की। कमेटी की आख्या पर हाई कोर्ट ने कार्यकारिणी को अवैध घोषित कर दिया है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील पाण्डेय ने साफ किया कि पंजीकृत नियमावली के अनुसार रामपाल सिंह अध्यक्ष थे। 22 सितम्बर, 2023 को उनका देहांत हो गया। उनके कार्यकाल में मैं ( सुशील कुमार पाण्डेय) उपाध्यक्ष (प्रथम) था। नियमावली के अनुसार अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष (प्रथम) को समस्त कार्य एवं संघ की कार्यवाही संचालित करने का संवैधानिक अधिकार है। इसलिए यह दायित्व स्वतः मुझे मिल गया। इस दौरान पूर्व महासचिव कमलाकान्त त्रिपाठी ने नियमावली की अवहेलना करते हुए उनके खिलाफ साजिश रचनी शुरू कर दी। राज्य इकाइयों को प्रलोभन देकर बरगलाया गया। इससे चिंतित संघ महासभा ने अक्टूबर में बैठक बुलाकर अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने का प्रस्ताव पारित किया। इसके बाद अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक में महासभा के निर्वाचन कराए जाने के प्रस्ताव को स्वीकार कर पर्यवेक्षक और निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किए गए।चुनाव में वह (सुशील कुमार पाण्डेय) अध्यक्ष निर्वाचित हुए। कुछ समय बाद महासभा की सहमति और पंजीकृत संविधान के अनुसार, 11 पदाधिकारियों और 17 सदस्यीय कार्यकारिणी समिति का गठन किया गया।

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