अशोकनगर, 15 जनवरी(हि.स.)। गुना संसदीय क्षेत्र का अशोकनगर जिला मुख्यालय एक ऐसा क्षेत्र है जो रेल आवागमन के लिए अत्यंत पिछड़ा हुआ क्षेत्र है, यहां से देश-प्रदेश के बड़े महानगरों इंदौर, दिल्ली, मुंबई के लिए आज भी कोई सीधी रेल साधन उपलब्ध नहीं है। जिससे महानगरों में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं और प्रदेश की बड़ी आनाज मंडी के रूप में यहां प्रमुख व्यापारिक केन्द्र होने से व्यवसायिओं को आज भी बड़ी कठनाईयों का सामना करना होता है।
रेल लाईन दोहरीकरण के बाद भी लाभ नहीं:यहां यह भी बता दें कि पूर्व में इस क्षेत्र में बीना-कोटा के बीच सिंगल रेल लाईन हुआ करती थी, पर बीते वर्षों बीना-कोटा के बीच रेल दोहरीकरण हो जाने के बाद भी अशोकनगर क्षेत्र वासियों को इंदौर-दिल्ली-मुंबई के लिए कोई सीधी रेल सेवा उपलब्ध नहीं हो सकी है।
यहां यह बात इसलिए भी लिखना लाजिम है कि देश में जहां वंदे-भारत जैसी ट्रेनों का संचालन हो रहा है और देश के दुर्लभ क्षेत्र कश्मीर तक टे्रेनें शुरू होने की तैयारी है, वहीं इस क्षेत्र को महानगरों के लिए ट्रेनें न होने पर रेल यात्री अफसोस जताते हैं और लगातार मांग भी उठाते आ रहे हैं पर यहां ट्रेनों के विस्तार के नाम पर क्षेत्रिय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा लालीपॉप के रूप में गुना से रुठियाई 19 किमी टे्रेन विस्तार पर बड़े तामझाम के बीच वाहवाही बटोरी जाती है।
संचालित ट्रेनें हुईं बंदअब यहां यह भी बता दें कि इंदौर और दिल्ली के लिए पूर्व में दो साप्ताहिक ट्रेनें जबलपुर-इंदौर ट्रेन और उज्जैन-दहरादून ट्रेन इस रूट से संचालित थी, पर करोना काल के पूर्व ही रेलवे ने जबलपुर-इंदौर ट्रेन बिना कोई कारण उसे स्थगित कर दिया गया। जिससे अशोकनगर का-इंदौर के लिये रेल सेवा से सम्पर्क टूटा। इसी प्रकार साप्ताहिक उज्जैन-देहरादून ट्रेन इस रूट से संचालित थी, उसे भी रेलवे द्वारा वाया गुना द्वारा संचालित कर दिया गया जिससे दिल्ली आने-जाने के लिए भी सीधा सम्पर्क टूट गया।
ट्रेनें नहीं पर टे्रेनों के नाम पर तालियां:टे्रनों के मामले में अत्यंत पिछड़े अशोकनगर क्षेत्र में केन्द्रीय मंत्री और क्षेत्रिय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अशोकनगर आगमन पर अपने समर्थकों से खूब तालियां बटोरते हैं। वर्ष 2019 के पांच साल का कार्यकाल छोड़ दें तो सिंधिया इस क्षेत्र से 2002 से सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं, पर अशोकनगर इंदौर-दिल्ली-मुंबई के लिए सीधी ट्रेन सेवा से आज भी कटा हुआ है। इस बीच सांसद सिंधिया हैरत पूर्ण तरीके से यह बात कहने से भी नहीं चूकते की यहां से उनके सांसद बनने से पहले अशोकनगर स्टेशन पर कौआ बोला करते थे, पर वे ये भी भूल जाते हैं कि उनके सांसद बनने से पूर्व उनके पिता माधवराव सिंधिया और उनकी दादी विजयाराजे सिंधिया इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता उठा रहे मांगरेलवे जोन सदस्य सुनील आचार्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.योगेश मिश्रा द्वारा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं रेलवे से विभिन्न ट्रेनें चलाए जाने की मांग की गई है जिनमें: 1-जबलपुर इंदौर ट्रेन को पुन: चलाया जाए। 2-ट्रेन नंबर19807,19808,19813 एवं 19814 जो कोटा सिरसा ट्रेन है यह कोटा में 18 घंटे खड़ी रहती है इस ट्रेन को कोटा से गुना होते हुए बीना तक चलाया जाए। क्षेत्र के लोग जो खाटू श्याम जी एवं अग्रवाल समाज के अग्रोजा धाम जाते हैं, उन्हें सीधी महत्वपूर्ण ट्रेन की सौगात मिलेगी। 3-ट्रेन नंबर 19809 एवं 19810 कोटा जबलपुर ट्रेन जो कोरोना काल से बंद पड़ी है, इसे पुन चालू कराया जाए। 4-इसी के साथ बीना नागदा ट्रेन को पूर्व समय अनुसार चालू कराया जाए। 5-वंदे भारत नई वातानुकूलित ट्रेन चेयर कार एवं स्लीपर का संचालन भोपाल-बीना-अशोक नगर-गुना-शिवपुरी होते हुए दिल्ली तक चलाया जाए। 7-दक्षिण भारत के महत्वपूर्ण शहर बेंगलुरु जाने के लिए एक ट्रेन चलाई जाए, रायपुर छत्तीसगढ़ नागपुर महाराष्ट्र एवं सीधे दक्षिण की ओर जाने को साधन प्राप्त हो। 8-मुंबई के लिए एक सीधी ट्रेन का संचालन किया जाए। 10-ट्रेन नंबर 06607 एवं 06608 बीना गुना गाड़ी जिसे छकड़ा कहते थे और चार चक्कर यह लगाती थी इसको पुन: चालू कराया जाए।