📍 अयोध्या, 5 जून (हि.स.) — मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 13वें सरयू जयंती महोत्सव के अवसर पर कहा कि प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिले की एक नदी को पुनर्जीवित करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने नदियों के संरक्षण और पर्यावरणीय महत्व पर विशेष जोर दिया।
🛶 महोत्सव की मुख्य बातें
🔹 नदियों का संरक्षण और पुनरुद्धार
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियां धरती माता की जीवनधारा हैं, इसलिए नदियों में सीवर, नाले या मरे हुए जानवर न डालें। इसके साथ ही नदियों के किनारे बड़े पैमाने पर पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा, जिसमें इस वर्ष 35 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे।
🔹 मां सरयू का महत्व
उन्होंने मां सरयू को अयोध्या की आत्मा बताया और कहा कि भगवान राम ने अयोध्या का उल्लेख करते हुए मां सरयू का नाम लिया था। इसका संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है।
🔹 मां गंगा और भगीरथ की तपस्या
मुख्यमंत्री ने मां गंगा के अवतरण और महर्षि भगीरथ की तपस्या का उल्लेख करते हुए कहा कि मां गंगा न केवल मुक्ति का स्रोत हैं, बल्कि भारत और विश्व की समृद्धि का आधार भी हैं।
🔹 अयोध्या का विकास और सोलर सिटी
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज अयोध्या एक विकसित शहर बन चुका है, जहां 4-लेन और 6-लेन सड़कें, वाटर एटीएम, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा आदि उपलब्ध हैं। अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी बन चुकी है, जो गर्व की बात है।
🌿 पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन
उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को आपदा प्रबंधन से जोड़ा और कहा कि नदियां स्वस्थ रहेंगी तभी पर्यावरण, जीव-जंतु और मानव जीवन सुरक्षित रहेगा। उन्होंने सभी से नदियों और पर्यावरण के संरक्षण में योगदान देने की अपील की।
👥 प्रमुख उपस्थित
कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जगद्गुरू स्वामी संतोषाचार्य महाराज, महंत अवधेश दास महाराज, महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
📌 निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह संदेश न केवल नदियों के संरक्षण का है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश और देश के पर्यावरणीय, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास का प्रतिबिंब भी है। सतत विकास के लिए नदियों के पुनर्जीवन जैसे कदम आवश्यक हैं।