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चम्बल से निकली गार्गी मचा रहीं दुनिया में धूम

औरैया, 27 मार्च (हि. स.)। कहते हैं कि राजा हमेशा प्रजा के हित व कल्याण के लिए सोचते हैं । आज उसी कहावत काे चरितार्थ किया है भरेह स्टेट की वंशज युवा प्रेणा बेबी शाह गार्गी ने लेटर प्रोडक्टओ के सामने नॉन बेजिटेरियाँ बैग का निर्माण करा कर उनकी मार्केट में बेहतर मांग को सुनिश्चित ही नहीं कराया वरन होने वाली आय को फैसला जो कर डाला ।

गौतलब है कि आज के मौजूदा दौर में जहाँ लोग चमड़े से निर्मित बैग बेल्ट जैकेट आदि पर अपनी निर्भरता रखते थे और अनावश्यक पैसा भी बर्बाद कर लग्जरी जीवन की महत्वाकांक्षा पाल रहे थे। ऐसे में भरेह स्टेट की होन हार वंशज बेबी शाह ने अपने एक फैसले से दुनिया में एक नई नजीर पेश कर डाली जो कि वन्यजीवों और पालतू जानवरों की चमड़ी व मास से उत्पादित वस्तुओं को प्राकृतिक संसाधनों से निर्मित बैग बैल्ट जैकेट आदि का इस्तेमाल करने की मिसाल पेश की है।

बेबी शाह ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्वजों के त्याग व बलिदान से प्रेरित हो कर उनके मन में समाज के उद्धार व कल्याण की भावना रही है और समाज को एक नई दिशा देने के लिए कर्मेजो नामक संस्था का गठन कर ग्लोबल मार्केट अपने उत्पादों से होनी वाली आय को ग़रीब कल्याण में लगाने का काम करेगा जहाँ लग्जरी जीवन की महत्व आकांक्षा लिये बैठे समाज के बड़े तबके को जैविक व प्रकृति संसाधनों से मुहैया सामग्री को उपलब्ध कराया जायेगा व उससे प्राप्त होने वाली आय को गरीबों व जरूरतमन्दों को दिया जाएगा ।

– कर्मेजो एनवायरमेंट फैब्रिक प्रोडक्शन

को फाउंडर रानीसा मुनीन्द्र कुमारी ने बताया कि उन्होंने पेटा ऑर्गेनाइजेशन के दिशा निर्देशन में अपनी नातिन बेबी शाह की पहल को आगे बढ़ाया है और ग्लोबल मार्केटिंग में करमोजो के उत्पादों की भारी डिमांड भी सामने आ रही है।उन्होंने बताया कि हमारे पूर्वज महाराज रूप सिंह की जन कल्याण व जीव कल्याण की भावना को आगे ले जाते हुए कर्मेजो ब्रान्ड की स्थापना कर रही है। 1857 प्रथम स्वाधीनता संग्राम के जननायक कुँअर रूप सिंह के किला को अंग्रेजों के द्वारा तोपों से ध्वस्त कर दिया था। भरेह रियासत में महारानी लक्ष्मीबाई को अपने किले में एक दिन ठहरा कर ग्वालियर के किले को फतह किया था ।

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