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चीन देगा अमेरिका के टैरिफ का कड़ा जवाब

बीजिंग, 03 अप्रैल (हि.स.)। चीन ने आज अमेरिका के पारस्परिक टैरिफ का कड़ा विरोध किया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को चीन के 438 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आयात पर 34 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की। चीन अमेरिका का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। चीन ने कहा कि वह अपने अधिकारों की रक्षा के लिए दृढ़ता से जवाब देगा।

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि चीन अमेरिका के पारस्परिक टैरिफ का दृढ़ता से विरोध करता है और अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए दृढ़तापूर्वक जवाबी उपाय अपनाएगा। प्रवक्ता ने ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि इतिहास बताता है कि टैरिफ बढ़ाने से अमेरिका की अपनी समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। इससे अमेरिकी हितों को ही नुकसान पहुंचता है। इस टैरिफ से वैश्विक आर्थिक विकास के साथ-साथ औद्योगिक और आपूर्ति शृंखला की स्थिरता को भी खतरा होता है।

मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ”व्यापार युद्ध में कोई विजेता नहीं होता है।पारस्परिकता के बहाने अपने सभी व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ बढ़ाना हितों के संतुलन की उपेक्षा करता है। ट्रंप इस बात को नजरअंदाज कर रहे हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय व्यापार से लंबे समय से लाभ मिल रहा है।” प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने व्यक्तिपरक और एकतरफा मूल्यांकन के आधार पर तथाकथित पारस्परिक टैरिफ निर्धारित किया है। यह टैरिफ अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन है। इससे संबंधित पक्षों के अधिकारों और हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है। यह एकतरफा चालाकी का उच्च प्रदर्शन है।उन्होंने कहा कि कई व्यापारिक साझेदारों ने अमेरिकी कदम के प्रति गहरा असंतोष व्यक्त किया है।

उन्होंने ने कहा कि चीन संयुक्त राज्य अमेरिका से अपने एकतरफा टैरिफ को तुरंत रद्द करने और समान बातचीत के माध्यम से अपने व्यापारिक भागीदारों के साथ मतभेदों को हल करने का आग्रह करता है। इस बीच चीन ने मूल्य शासन तंत्र में सुधार करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है। यह दिशा-निर्देश चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के जनरल कार्यालय और राज्य परिषद के जनरल कार्यालय ने जारी किया है। इसका उद्देश्य मूल्य मार्गदर्शन तंत्र, उचित मूल्य स्तर बनाए रखने के लिए मूल्य विनियमन तंत्र, पारदर्शी एवं पूर्वानुमानित बाजार मूल्य पर्यवेक्षण तंत्र को बढ़ावा देना है।

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