अतिक्रमण हटाओ अभियान को मिलेगा नया बल
गौहाटी उच्च न्यायालय के हालिया आदेश ने असम में अतिक्रमण हटाओ अभियान को कानूनी मजबूती दी है। अदालत ने राज्य सरकार को आरक्षित वनों में बाड़ लगाने और नए अतिक्रमण पर रोक लगाने का निर्देश दिया।
सीएम का सख्त रुख
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि अब अतिक्रमण हटाओ अभियान और तेज़ होगा। उन्होंने साफ कहा कि भूमि कब्ज़ा करने वालों को अब कोई राजनीतिक संरक्षण नहीं मिलेगा।
अदालत की चेतावनी
खंडपीठ ने अधिकारियों को चेताया कि यदि अतिक्रमण बढ़ा तो उन्हें ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा। साथ ही, अतिक्रमणकारियों को 15 दिन का नोटिस और 15 दिन में ज़मीन खाली करने का समय दिया गया है।
बड़े स्तर पर कार्रवाई
हाल ही में असम सरकार ने गोलाघाट और रेंगमा रिज़र्व फ़ॉरेस्ट में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। इसमें लगभग 12,500 बीघा ज़मीन मुक्त कराई गई। अब तक राज्यभर में 1.29 लाख बीघा भूमि से अवैध कब्ज़ा हटाया जा चुका है।
सरकार का संकल्प
सीएम सरमा ने कहा कि अतिक्रमण हटाओ अभियान में कोई समझौता नहीं होगा। सरकार का लक्ष्य है कि हर वन भूमि सुरक्षित रहे और आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ पर्यावरण मिले।