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इतिहास के पन्नों में 08 जनवरीः ब्रह्माण्ड और इंसान को लेकर हॉकिंग की भविष्यवाणी

”दुनिया में लंबे कालखंड तक इंसान की मौजूदगी बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि इंसान दूसरे ग्रहों और अंतरिक्ष के बाहर नया ठिकाना तलाशे। मैं इस बात को पूरी तरह मानता हूं कि हमें धरती छोड़नी ही पड़ेगी, हमें नया घर ढूंढ़ना पड़ेगा। क्योंकि धरती के कुदरती संसाधन इसकी जनसंख्या के लिए जल्द ही नाकाफी साबित होंगे।”- ब्रिटेन के महान भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग।

‘ब्रीफ आंसर्स टू द बिग क्वेश्चन्स’ नाम की पुस्तक में धरती और मानव जीवन से जुड़े कई जरूरी प्रश्नों के जवाब दिए गए हैं। इसमें कई भविष्यवाणियां और दावे हैं। हॉकिंग की एक भविष्यवाणी ने वैज्ञानिक जगत को भी डरा दिया, जिसमें धरती के विनाश के बारे में लिखा गया है। उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि 600 साल के अंदर ये पृथ्वी ‘आग का गोला’ बन जाएगी। क्योंकि अत्यधिक जनसंख्या होने की वजह से धरती पर ऊर्जा की खपत बहुत ज्यादा हो जाएगी। इससे धरती का तापमान असीमित रूप से बढ़ेगा और धरती गर्म होकर लाल हो जाएगी।

उन्होंने धरती पर मनुष्य की जगह रोबोट के कब्जे के खतरे की आशंका जताई। उनके अनुसार आने वाले सालों में रोबोट तकनीक खुद एक स्वाचालित सभ्यता बनकर मनुष्य प्रजाति पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लेगी। स्टीफन ने कहा कि, हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास की तरफ बढ़ते हुए इससे जुड़े खतरों के बारे में भी ध्यान देना चाहिए।

8 जनवरी 1942 को जन्मे स्टीफन विलियम हॉकिंग गंभीर शारीरिक विकार के बावजूद अंतरिक्ष के बहुत से रहस्यों से पर्दा उठाया। असाधारण प्रतिभा के धनी हॉकिंग को ब्लैक होल और बिग बैंग सिद्वांत को प्रतिपादित करने का श्रेय हासिल है। उनका जीवन हौसले और अदम्य इच्छाशक्ति की बेजोड़ मिसाल है।

दरअसल, 1963 में 21 साल की उम्र में हॉकिंग को एमियोट्रोफिक लेटरल स्कलेरोसिस (एएलएस) नामक जटिल बीमारी ने जकड़ लिया। जिसके कारण धीरे-धीरे उनके शरीर के अंगों ने काम करना बंद कर दिया। डॉक्टरों ने ज्यादा-से-ज्यादा दो साल उनके जिंदा रहने की भविष्यवाणी कर दी थी लेकिन हॉकिंग करीब 76 साल जिए। जिसमें 50 साल से ज्‍यादा समय तक व्‍हीलचेयर पर रहने के बावजूद कभी खुद को विकलांग नहीं माना। उनका मानना था कि दुनिया में कोई भी शख्‍स विकलांग नहीं है। व्यक्ति शरीर से विकलांग हो सकता है लेकिन दिमाग से नहीं। स्‍टीफन ने 14 मार्च 2018 को 76 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कहा।

अन्य अहम घटनाएंः

1973- रूस का स्‍पेस ‘मिशन ल्‍यूना 21’ लांच किया गया।

1971- पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने नेता शेख मुजीबुर रहमान को जेल से आजाद किया था।

1952- जॉर्डन ने संविधान अंगीकार किया था।

1929- नीदरलैंड्स और वेस्टइंडीज के बीच पहला टेलीफोन संपर्क स्थापित हुआ।

1889- हर्मन होलैरिथ को पंच कार्ड टैब्युलेटिंग मशीन के आविष्कार का पेटेंट मिला।

1856- डॉ. जॉन वीच ने हाइड्रेटेड सोडियम बोरेट की खोज की थी।

1790- अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन ने पहली बार देश को संबोधित किया था।

1697- ब्रिटेन में आखिरी बार ईशनिंदा के आरोप के लिए मृत्युदंड दिया गया था।

जन्म

1984- उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग।

1975- भारतीय संगीतकार हैरिस जयराज।

1942- प्रसिद्ध ब्रितानी भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग।

1938- भारतीय फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री नन्दा।

1929- भारतीय अभिनेता सईद जाफ़री।

1925- साहित्यकार मोहन राकेश।

1909- उपन्यासकार आशापूर्णा देवी।

1908- प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री निडर नाडिया।

1890- हिन्दी साहित्यकार रामचन्द्र वर्मा।

निधन

1995- जाने-माने समाजवादी चिंतक, स्वतंत्रता सेनानी मधु लिमये।

1987- क्रिकेटर पीजी जोशी।

1984- पहली भारतीय महिला पायलट सुषमा मुखोपाध्याय।

1966- सुप्रसिद्ध फिल्म निर्देशक बिमल रॉय।

1941- भारत सेवाश्रम संघ के स्वामी प्रणवानंदा महाराज।

1884- प्रसिद्ध धार्मिक व सामाजिक सुधारक केशव चन्द्र सेन।

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