🔍 क्या है पूरा मामला?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व हरियाणा मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के निजी सचिव (PS) पर शिकंजा कसते हुए
➡️ ₹14.25 करोड़ की संपत्ति जब्त की है।
➡️ इसमें शामिल हैं 9 आवासीय मकान और कई बैंक खाते।
🕵️♂️ CBI की FIR का असर
यह जब्ती CBI द्वारा दर्ज एक FIR के आधार पर हुई है, जो 2006 से 2014 के कालखण्ड में कथित भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी है।
➡️ CBI की FIR के बाद ED ने PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत जांच शुरू की थी।
🧾 जब्त की गई संपत्तियाँ
- कुल 9 आवासीय मकान
- बैंक खातों में जमा राशि
- सभी संपत्तियाँ कथित रूप से अवैध रूप से अर्जित बताई जा रही हैं।
⚖️ राजनीतिक हलकों में हलचल
इस कार्रवाई से हरियाणा की राजनीति में एक बार फिर भ्रष्टाचार के पुराने मामलों की गूंज सुनाई देने लगी है।
- विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार पर हमलावर हो सकता है।
- वहीं, ED की कार्रवाई से कानूनी प्रक्रिया तेज हो गई है।
📢 ED का बयान
- ED ने कहा कि जब्त की गई संपत्ति की कुल कीमत ₹14.25 करोड़ आंकी गई है।
- 👉 संपत्तियाँ आरोपी के नाम और उससे जुड़े संस्थाओं के नाम पर थीं।
🧩 क्या आगे और गिरफ्तारी हो सकती है?
इस केस में अभी कई परतें खुलनी बाकी हैं।
- क्या और भी नाम सामने आएँगे?
- क्या यह मामला भूपिंदर हुड्डा तक पहुँचेगा?
✅ निष्कर्ष
यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामलों में कानून अब सक्रिय हो चला है।
ED की यह कार्रवाई PMLA कानून के अंतर्गत आने वाले मामलों में एक बड़ा उदाहरण बन सकती है।