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यमुनानगर में प्रगतिशील किसान ने बागवानी के लिए खरीदी हाइड्रोलिक लिफ्टिंग मशीन

यमुनानगर, 2 जनवरी (हि.स.)। हरियाणा सरकार के द्वारा बागवानी को बढ़ावा देने के लिए नई से नई तकनीकी योजनाएं ला रही है और उसके लिए किसानों को प्रोत्साहित भी कर रही है। इसी कड़ी में यमुनानगर के गांव अमादलपर में बागवानी किसान ने हाइड्रोलिक लिफ्टिंग मशीन खरीदी है। जिससे आम, लीची, अमरुद जैसे अन्य ऊंचाई पर लगे फलों की तुड़ाई व पेड़ के पत्तों की छटाई करने में सहायक सिद्ध होगी। जहां इससे एक ओर समय की बचत होगी। वहीं लेबर की भी परेशानी से छुटकारा मिलेगा।

गुरुवार को यह जानकारी देते हुए अमादलपुर स्थित बेअंत फॉर्म के मालिक अलावी सिंह ने बताया कि यह मशीन फलों के बागों में इस्तेमाल करने के लिए लाभकारी होगी। आम, अमरूद, लीची और अन्य ऊंचे पेड़ों से फलों की तुड़ाई और उनके पत्तों की छटाई करना आसान होगा। इसके इस्तेमाल करने से जहां किसान को समय और लेबर की बचत होगी। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड कैसे देशों में इस तरह की मशीनों का इस्तेमाल होता है।

उन्होंने बताया कि इस हाइड्रोलिक लिफ्टिंग मशीन को इस तरह से डिजाइन करवाया गया है कि एक व्यक्ति भी इसे चला सकता है। हमने अपने बागों में आम, अमरूद, लीची और अन्य फलों की तुड़ाई व छटाई के लिए इसका इस्तेमाल शुरू किया है। वहीं जिला उद्यान एवं बागवानी विभाग के जिला अधिकारी कृष्ण कुमार ने बताया कि वैसे तो इस तरह की हाइड्रोलिक मशीनें लॉजिस्टिक और कॉर्पोरेट द्वारा अन्य कार्यों में इस्तेमाल की जाती है। लेकिन प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में यह पहले ऐसे किसान है। जिन्होंने बागों में इस तरह की मशीन का प्रयोग फलों की तुड़ाई व छटाई के लिए किया है। वैसे तो हरियाणा सरकार अनुदान राशि देखकर उपकरणों और मशीनों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित करती रहती है।

उन्होंने बताया कि इस मशीन की कीमत टैक्स सहित साढ़े 23 लाख रुपये के करीब पड़ती है। अब किसान जैसे-जैसे बागवानी और दूसरी खेती की ओर अपना रुझान दिखा रहा है। आने वाले समय में जहां लेबर के बगैर उपकरण और मशीनों द्वारा खेती और बागवानी की जाएगी तो उसका किसान को लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि यह देश के पहले ऐसे किसान है जिन्होंने यह मशीन खरीदी है और उसका अपने बागों में इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके लिए 40 से 50 प्रतिशत अनुदान राशि भी दी जाएगी। इसी तरह और भी किसानों ने इस मशीन में अपनी रुचि दिखाई है। निश्चित तौर पर यह किसानों के लिए के एक लाभकारी पहल है।

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