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हरियाणा–यूपी मिलकर बनाएंगे जल इतिहास! Ganga–Yamuna लिंक नहर से NCR को मिलेगी बड़ी राहत

स्थान: हरियाणा–यूपी बॉर्डर
तारीख: जून 2025

हरियाणा सरकार ने NCR क्षेत्र में बढ़ती जल मांग को देखते हुए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य सरकार ने Ganga–Yamuna Link Canal (GYL) परियोजना को लेकर उत्तर प्रदेश से प्रारंभिक स्तर की चर्चा शुरू कर दी है।

🔍 क्या है Ganga–Yamuna Link Canal परियोजना?

यह नहर परियोजना गंगा और यमुना के जल संसाधनों को जोड़कर हरियाणा, पश्चिमी यूपी और NCR क्षेत्र में जल आपूर्ति को स्थायी रूप से सुनिश्चित करने का प्रयास है।

🤝 पाँच प्रस्तावित मार्ग और तकनीकी विश्लेषण

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस परियोजना के लिए पाँच संभावित रूट प्रस्तावित किए हैं। अब एक संयुक्त तकनीकी समिति अगले 1 महीने में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसमें इन मार्गों की व्यवहार्यता, लागत और पर्यावरणीय प्रभाव का विश्लेषण शामिल होगा।

🎯 परियोजना का लक्ष्य:

नवंबर 2031 तक इस मेगा-नहर परियोजना को पूरा करना। यानी अगले 6 वर्षों में NCR के लिए जल संकट का समाधान।

🔑 क्यों ज़रूरी है यह नहर?

  • NCR में पेयजल और सिंचाई की मांग लगातार बढ़ रही है
  • भूमिगत जलस्तर खतरनाक स्तर तक गिर चुका है
  • मानसून की अनिश्चितता और शहरीकरण के कारण संकट और गहराया है
  • यमुना में पानी की उपलब्धता सीमित होती जा रही है

🛠️ क्या होंगे अगले चरण?

  1. तकनीकी समिति द्वारा DPR (Detailed Project Report) तैयार करना
  2. केंद्र सरकार से स्वीकृति प्राप्त करना
  3. पर्यावरणीय मंजूरी और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया
  4. 2026 तक निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना

📌 संभावित लाभ:

✅ NCR की जल आपूर्ति को स्थिरता
✅ हरियाणा और यूपी में खेती को राहत
ग्राउंडवॉटर रीचार्ज में वृद्धि
✅ राज्यों के बीच सहकारिता का उदाहरण
2030 जल संकट लक्ष्य के अनुरूप बड़ा कदम

🚨 लेकिन चुनौती आसान नहीं…

  • अंतर-राज्यीय जल बंटवारा हमेशा विवाद का विषय रहा है
  • परियोजना की लागत और भूमि अधिग्रहण जटिल हो सकता है
  • पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (EIA) का भी सामना करना पड़ेगा
  • राजनीतिक सहमति और केंद्र सरकार की भूमिका अहम होगी

🔚 निष्कर्ष:

Ganga–Yamuna Link नहर परियोजना केवल एक जल परियोजना नहीं, बल्कि NCR के भविष्य को सुरक्षित करने की रणनीति है। यदि यह योजना समय पर पूरी होती है, तो यह उत्तर भारत की सबसे बड़ी जल परियोजनाओं में से एक साबित हो सकती है।

अब सवाल यह है: क्या हरियाणा और यूपी मिलकर 2031 तक इस लक्ष्य को पूरा कर पाएंगे?

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