देहरादून, 10 जुलाई (हि.स.) — हिंदू धर्म की सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में से एक कैलाश मानसरोवर यात्रा ने इस वर्ष सफलतापूर्वक अपना पहला चरण पार कर लिया है। पहला दल गुरुवार सुबह 6:50 बजे नाभीढांग से रवाना होकर 9:00 बजे लिपुलेख दर्रा पार कर चीन क्षेत्र में प्रवेश कर गया। यह दल अब कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की ओर अग्रसर है।
👥 कितने यात्री शामिल हैं पहले दल में?
- कुल यात्री: 45
- पुरुष: 32
- महिलाएं: 13
- राज्य: छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल आदि।
🧭 दूसरे दल की स्थिति क्या है?
दूसरा दल गुरुवार सुबह 10:30 बजे धारचूला से गूंजी के लिए रवाना हुआ। इस दल में विभिन्न राज्यों से आईं महिलाएं और वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं।
🔧 यात्रियों को क्या सुविधाएं दी जा रही हैं?
यात्रा का संचालन और निगरानी निम्नलिखित एजेंसियां कर रही हैं:
- जिला प्रशासन
- आईटीबीपी (ITBP)
- बीआरओ (BRO)
- कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN)
ये संस्थाएं मिलकर यात्रियों को ठहराव, भोजन, चिकित्सा सुविधा और सुरक्षा प्रदान कर रही हैं।
🛐 क्यों महत्वपूर्ण है कैलाश मानसरोवर यात्रा?
कैलाश मानसरोवर यात्रा केवल एक भौगोलिक यात्रा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है। मान्यता है कि:
- कैलाश पर्वत भगवान शिव का निवास स्थान है।
- मानसरोवर झील में स्नान करने से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
यह यात्रा श्रद्धालुओं के लिए धर्म, साहस और संयम का संगम है।
📌 निष्कर्ष:
कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 का शुभारंभ सफलतापूर्वक हो चुका है। पहला दल सुरक्षित रूप से चीन के क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है और दूसरा दल भी यात्रा के अगले चरण की ओर बढ़ रहा है। सरकार और एजेंसियां यात्रियों को हर संभव सहयोग और सुरक्षा प्रदान कर रही हैं।