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किसानों का हित भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता: प्रधानमंत्री
नई दिल्ली, 7 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज स्पष्ट रूप से कहा कि किसानों, मछुआरों और पशुपालकों का हित भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि इन वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए वे कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं। मोदी ने यह बात नई दिल्ली में आयोजित “एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन” में कही।
उन्होंने कहा कि भारत अपने अन्नदाताओं के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। प्रधानमंत्री ने कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय कृषि को आत्मनिर्भर और टिकाऊ बनाने की नींव रखी।
डॉ. स्वामीनाथन का योगदान केवल हरित क्रांति तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने जैव विविधता और स्थानीय समुदायों की समृद्धि को भी बढ़ावा दिया। इसी क्रम में “एमएस स्वामीनाथन अवॉर्ड फॉर फूड एंड पीस” की शुरुआत की गई है, जिसका पहला पुरस्कार नाइजीरिया के प्रोफेसर को मिला है।
मोदी ने बताया कि भारत आज चावल, गेहूं, मछली और सब्जियों के उत्पादन में वैश्विक अग्रणी है। यह सरकार की किसान-केंद्रित नीतियों और किसानों की मेहनत का परिणाम है।
उन्होंने पीएम-किसान, पीएम-संपदा, और पीएम धन-धान्य जैसी योजनाओं को किसानों की आय बढ़ाने में कारगर बताया।
प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से न्यूट्रीशनल सिक्योरिटी, क्रॉप डाइवर्सिफिकेशन और क्लाइमेट रेजिलिएंट फसल जैसे विषयों पर रिसर्च तेज करने का आग्रह किया। साथ ही, AI और Machine Learning को कृषि से जोड़ने का भी सुझाव दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पारंपरिक कृषि ज्ञान और आधुनिक विज्ञान को मिलाकर भारत को “ग्रीन प्रोडक्शन” में अग्रणी बनाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।