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गुजरात का माधवपुर मेला सांस्कृतिक विरासत का उत्सव : राज्यपाल

-गुजरात और अरुणाचल प्रदेश के राज्यपालों की सहभागिता के साथ गजेन्द्र सिंह शेखावत की रही उपस्थिति

अहमदाबाद, 10 अप्रैल (हि.स.)। गुजरात के माधवपुर घेड में हुए अंतरराष्ट्रीय माधवपुर मेले में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को साकार करते हुए गुजरात और अरुणाचल प्रदेश के राज्यपालों ने भागीदारी की। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की भी उपस्थिति रही। यह आयोजन भगवान श्रीकृष्ण और माता रुक्मिणी के विवाह पर्व के उपलक्ष्य में हुआ। मेले में गुजरात और पूर्वोत्तर भारत के कुल 1600 कलाकारों ने एक साथ शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जिसने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस अवसर पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने बुधवार देर रात को अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प से वर्ष 2018 में इस मेले का आरंभ भव्य स्वरूप में हुआ और आज यह मेला अंतरराष्ट्रीय स्तर की ओर अग्रसर है। यह केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि श्रीकृष्ण के दिव्य जीवन और गीता ज्ञान से प्रेरणा लेकर मानव जीवन को सार्थक बनाने का भी माध्यम है। उन्होंने कहा कि माधवपुर मेला सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है। श्रीराम और श्रीकृष्ण हमारी संस्कृति के उज्ज्वल दीपस्तंभ हैं। यदि आने वाली पीढ़ी संस्कार, संस्कृति और परंपरा से जुड़ी रहे, तो परिवार, समाज और राष्ट्र अधिक सशक्त व श्रेष्ठ बनेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने माधवपुर मेले के माध्यम से हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से लोगों को जोड़ने का प्रयास किया है। राज्यपाल ने सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को याद करते हुए कहा कि आज़ादी के समय बिखरे हुए भारत को एक सूत्र में पिरोकर अखंड भारत का निर्माण उन्हीं की दूरदृष्टि से संभव हुआ।

अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनायक ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और देवी रुक्मिणी के विवाह पर्व में सम्मिलित होना उनके लिए गौरव की बात है। माधवपुर का यह मेला धार्मिक, साहित्यिक और जनजातीय परंपराओं का संगम है। यह आयोजन ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के आदर्श को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि और कठिन परिश्रम का ही परिणाम है कि आज देश के हर राज्य का स्थापना दिवस राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है।

उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह की पौराणिक कथा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह मेला आज अरुणाचल प्रदेश से द्वारका तक की सांस्कृतिक यात्रा का प्रतीक बन चुका है। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि माधवपुर-घेड का यह मेला एक वार्षिक सांस्कृतिक महाकुंभ का प्रतीक बन चुका है, जिसकी कल्पना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में की थी। पिछले आठ वर्षों में इस मेले ने जो व्यापकता और भव्यता प्राप्त की है, वह गुजरात सरकार के प्रयासों का परिणाम है।

गुजरात राज्य पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड के सदस्य सचिव रमेश मेरजा ने मेले में शामिल सभी महानुभावों का स्वागत करते हुए 2025 के मेले में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की थीम के तहत मेले की दिव्यता और भव्यता को रेखांकित किया।

इस अवसर पर गुजरात की लेडी गवर्नर दर्शना देवी और अरुणाचल प्रदेश की लेडी गवर्नर अनघा परनाईक के साथ-साथ जिला पंचायत अध्यक्ष परबतभाई परमार, विधायकगण भगवानजी करगठिया, अर्जुनभाई मोढवाडिया, संजयभाई कोरडिया, पूर्व कैबिनेट मंत्री बाबूभाई बोखीरीया, कलेक्टर एस.डी. धानाणी, जिला विकास अधिकारी बी.बी. चौधरी, अतिरिक्त कलेक्टर जे.बी. वदर सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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