रायगढ़, 4 अप्रैल (हि.स.)।धर्मजयगढ़ क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत चिड़ो़डीह भालूपखना में संचालित धनबादा कंपनी एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई है। स्थानीय ग्रामीणों ने कंपनी प्रबंधन पर अवैध कार्य करने और पूर्व में किए गए वादों को न निभाने का आरोप लगाते हुए आज जोरदार विरोध प्रदर्शन किया है। विरोध के चलते ग्रामीणों ने कंपनी का सारा कार्य ठप करवा दिया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी द्वारा नहर के लिए गड्ढा तो खोद दिया गया, लेकिन इसके मलबे को उनकी निजी कृषि भूमि पर डंप कर दिया गया, जिससे वहां खेती करना असंभव हो गया है। इस संबंध में ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग करते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जातीं, तब तक कंपनी को काम नहीं करने दिया जाएगा।
ग्रामीणों का कहना है, कि कंपनी प्रबंधन ने क्षेत्र में विकास और रोजगार के नाम पर कई वादे किए थे, लेकिन अब तक उन वादों को निभाया नहीं गया है। वहीं अब जब जमीन को नुकसान पहुंचाया गया है, तो कंपनी इससे मुंह मोड़ रही है। ग्रामीणों की नाराजगी इस कदर बढ़ गई है कि उन्होंने कंपनी के समस्त कार्यों पर पूर्ण विराम लगा दिया है दूसरी ओर कंपनी प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन स्थिति को सामान्य बनाने के लिए लगातार ग्रामीणों को समझाइश देने में जुटे हैं, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और किसी भी तरह के आश्वासन को मानने के लिए तैयार नहीं हैं।
इस पूरे मामले को लेकर आज भाजपा युवा नेता मनीष राठिया ने कार्यकर्ताओं और स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर धर्मजयगढ़ एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर ज्ञापन में कंपनी द्वारा किए गए नुकसान की जांच कराने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की जाने की बात सामने आ रही है।मनीष राठिया का कहना है, कि धनबादा कंपनी प्रबंधन भोले-भाले लोगों को ठगने का काम कर रहा है, और वहीं ग्रामीणों द्वारा कंपनी प्रबंधन के खिलाफ अपनी हक मांगों को लेकर आवाज उठाती है, तो वहीं दूसरी तरफ स्थानीय प्रशासन द्वारा ग्रामीणों का हक दिलाने के बजाय कंपनी का समर्थन कर ग्रामीणों क्षेत्रवासियों के ऊपर चुप रहने का दबाव बना रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है, कि यदि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। फिलहाल, क्षेत्र में इस मुद्दे को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है और धनबादा कंपनी की कार्यशैली चर्चा का विषय बनी हुई है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है,और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान किस हद तक किया जाता है।