मेहसाणा, 17 जनवरी (हि.स.)। गुजरात के मेहसाणा जिले के विश्व विख्यात मोढेरा सूर्य मंदिर प्रांगण में 18 एवं 19 जनवरी को उत्तरार्ध महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। प्राचीन नगरी मोढेरा में अद्वितीय स्थापत्य कला ‘अर्यना’ और शास्त्रीय नृत्य का नगर उत्सव मनाने की परंपरा रही है। इस वर्ष उत्तरार्ध महोत्सव में भरत नाटयम, ओडीसी, कुचीपूडी, मोहिनी अट्टम, कथक, कथकली, मणिपुरी, कथक और सतरिया जैसे शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति विश्व विख्यात कलाकारों की ओर से की जाएगी।
राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक उत्तरायण (मकर संक्रांति) के उत्सव के बाद सूर्य की ओर उर्ध्वगति यानी सूर्य का धनु और मकर में प्रवेश के मध्य-अर्ध समय जब शीत ऋतु अपने अंत की ओर जा रहा हो और दिन की अवधि बढ़ने की शुरुआत हो तब, अर्ध अवसर पर शास्त्रीय नृत्य का यह उत्सव सूर्य मंदिर में उत्तरार्ध उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा रही है। मोढेरा का सूर्य मंदिर सूर्य और ग्रहों की स्थिति और सूर्य के पृथ्वी भ्रमण के आदिकाल की इंजीनियरिंग निपुणता का उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है। यही वजह है कि सूर्य मंदिर के परिसर में इसका आयोजन किया जाता है। भारतीय शास्त्रीय नृतयों की भव्य गुरु-शिष्य परंपरा का परिचय लोगों में व्यापक बने, इसी उद्देश्य से उत्तरार्ध उत्सव का आयोजन किया जाता है। राज्य सरकार की ओर से वर्ष 1992 से खेल-कूद युवा और सांस्कृतिक प्रवृत्तियों और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से इस महोत्सव का आयोजन किया गया है। उत्तरार्ध महोत्सव के दो दिवसीय कार्यक्रम में देशभर के अलग-अलग कलाकार प्रस्तुति करेंगे।