पलवल, 2 जुलाई (हि.स.)
हरियाणा के पलवल जिले में मूंग की फसल का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। यह जानकारी बुधवार को गांव सिहोल स्थित धानुका कृषि अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र में आयोजित “मूंग दिवस” कार्यक्रम में उपायुक्त डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने दी।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। इस मौके पर कई वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, अधिकारी और सैकड़ों किसान मौजूद थे।
🌾 उपायुक्त का फोकस: मूंग उत्पादन + फसल विविधीकरण
डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा:
“पलवल में मूंग की खेती में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। सरकार द्वारा फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि किसान एक ही फसल पर निर्भर न रहें।”
उन्होंने बताया कि फसल विविधीकरण:
- मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधारता है
- जोखिम को कम करता है
- किसानों की आमदनी बढ़ाता है
साथ ही, उन्होंने किसानों से अपील की कि वे फसलों की मार्केटिंग तकनीक भी सीखें,
जिससे उन्हें उचित मूल्य मिल सके।
❗ नकली बीज-खाद बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई
उपायुक्त ने चेताया कि:
“नकली खाद, बीज और कीटनाशक बेचने वालों पर विशेष अभियान चलाया जाएगा।
एसडीएम के नेतृत्व में छापेमारी होगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
🧪 वैज्ञानिकों ने दिया तकनीकी मार्गदर्शन
डॉ. रामगोपाल अग्रवाल, चेयरमैन – धानुका केंद्र, ने बताया कि:
- पलवल जिले में मूंग की उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रदर्शन प्लांट लगाए गए हैं
- इनसे किसानों को तकनीकी जानकारी और फसल प्रबंधन में मदद मिली है
इसके अलावा, डॉ. पी.के. चक्रवर्ती, डॉ. बी.एस. दलाल, डॉ. बी.एस. सहरावत, डॉ. अनिल सहरावत आदि कृषि विशेषज्ञों ने भी किसानों को दलहनी फसलों की उन्नत किस्मों और रोग नियंत्रण तकनीकों के बारे में जागरूक किया।
📌 निष्कर्ष
पलवल जिला अब मूंग उत्पादन में एक उभरता हुआ केंद्र बन रहा है। सरकार, प्रशासन और वैज्ञानिक संस्थानों के साझा प्रयासों से यहां के किसान आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। फसल विविधीकरण और मार्केटिंग जैसे कदम किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।