शिमला, 12 फ़रवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार की पीएम ऊर्जा मुफ्त बिजली घर योजना के तहत हिमाचल प्रदेश में अब तक 1,54,497 लोगों ने पंजीकरण करवा लिया है। इस योजना के तहत सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के घरों में सोलर प्लांट लगाने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। प्रदेश बिजली बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 5359 आवेदन मंजूर हो चुके हैं और इनमें से 1152 घरों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर दिए गए हैं। इन संयंत्रों की कुल क्षमता 4052 किलोवाट है। इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश में 90,000 घरों तक सौर ऊर्जा पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे 2027 तक पूरा किया जाना है।
केंद्र सरकार ने दी 6.85 करोड़ रुपये की सब्सिडी
योजना के तहत लाभार्थियों को सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है। जानकारी अनुसार अब तक केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश में इस योजना के अंतर्गत 6.85 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी जारी की है। यह राशि हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के माध्यम से लाभार्थियों को वितरित की गई है। इस योजना का उद्देश्य घरेलू बिजली खपत में कमी लाना, स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना और लोगों को बिजली के खर्च से राहत देना है।
प्रदेश में सबसे ज्यादा कांगड़ा में लगे सोलर प्लांट
इस योजना के तहत विभिन्न जिलों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं, जिनमें सबसे अधिक कांगड़ा जिला में हैं। यहां अब तक 382 घरों में सोलर प्लांट लगाए जा चुके हैं।
इसके अलावा मंडी जिला में 153 घरों में, चंबा जिला में 25 घरों में, शिमला जिला में 15 घरों में और लाहौल-स्पीति में 1 घर में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित हुआ है।
प्रदेश में अब भी कई घर इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर रहे हैं। बिजली बोर्ड ने मुताबिक आने वाले महीनों में हजारों नए घरों में सोलर प्लांट लगाने का लक्ष्य है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई यह योजना देशभर में घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए लाई गई है। इसके तहत लाभार्थी को सोलर पैनल लगवाने पर सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है, जिससे लोगों का बिजली का खर्च कम होता है और वे स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं। यह योजना बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देती है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक लोगों को ऑनलाइन या बिजली बोर्ड के माध्यम से आवेदन करना होता है। चयनित लाभार्थियों को सब्सिडी के साथ सोलर प्लांट लगवाने की अनुमति दी जाती है।
घरों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगने से बिजली का खर्च घटेगा। इससे ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा। बिजली आपूर्ति की निर्भरता घटेगी, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बिजली की उपलब्धता कम रहती है, वहां यह योजना लाभकारी साबित होगी। खास बात यह है कि इससे घरेलू स्तर पर बिजली उत्पादन बढ़ेगा और उपभोक्ता अपनी जरूरत की बिजली खुद पैदा कर सकेंगे।
लक्ष्य 2027 तक पूरा होगा
हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड को 2027 तक प्रदेश में 90,000 घरों में सोलर प्लांट लगाने का लक्ष्य दिया गया है। इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है और सरकार आने वाले समय में इस योजना को और गति देने के लिए प्रयासरत है।