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वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2025 राज्यसभा में पेश

नई दिल्ली, 3 अप्रैल (हि.स.)। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2025 को चर्चा के लिए पेश किया। लोकसभा बीती रात इन विधेयकों को पारित कर चुकी है।

सदन में बिल पेश करते समय किरेन रिजिजू ने कहा कि इस पर तार्किक और सार्थक चर्चा होनी चाहिए। कुछ सदस्यों का कहना है कि संयुक्त संसदीय समिति में जितनी चर्चा होना चाहिए थी, वह नहीं हुई लेकिन देशभर में सभी स्टेक होल्डर्स और धार्मिक संस्थाओं आदि से चर्चा के बाद इसे संसद में लाया गया। जेपीसी ने इस पर अत्यंत व्यापक काम किया। कुल मिलाकर 284 संगठनों, स्टेक होल्डर्स ने ज्ञापन दिया। एक करोड़ लोगों ने इस पर अपना मंतव्य दिया। राज्य सरकारों से भी इस पर विचार-विमर्श किया गया। बीती रात यानी आज तड़के इसे लोकसभा से पारित किया गया। उसके बाद आज इसे राज्यसभा में पेश किया जा रहा है।

किरेन रिजिजू ने कहा कि जेपीसी ने मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ आदि विभिन्न स्थानों पर जाकर लोगों का मंतव्य लिया है। इससे पहले कांग्रेस सरकार ने 1976 में जब वक्फ पर इंक्वायरी कमीशन बिठाया और कमीशन की रिपोर्ट आई, तब कहा गया वक्फ की सम्पत्तियां को लेकर बहुत विवाद है। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट 2006 में आई और उसने कहा कि वक्फ बोर्ड को सशक्त किया जाना चाहिए। सच्चर कमेटी ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष कदम उठाना चाहिए। के रहमान खान कमेटी ने कहा कि सारा झंझट मुतवल्ली पर केंद्रित है। वक्फ संपत्तियों और इसके डेटा को डिजिटलाइ्जड किया जाए। यूपीए ने सेलेक्ट कमेटी बनाई लेकिन इस पर हमारी जेपीसी ने जो कमेटी बनाई, उसमें यूपीए से अधिक सदस्य हैं और उन्होंने यूपीए के मुकाबले ज्यादा बैठकें कीं, देश के ज्यादा हिस्सों में जाकर लोगों की राय जानी।

रिजिजू ने कहा कि यहां कहा गया कि हम जो कदम उठा रहे हैं, उससे मुसलमानों का हक छीना जा रहा है लेकिन मैं इस तरह के आरोपों को खारिज करता हूं। वक्फ संपत्तियाें का प्रबंधन मुसलमान के पास ही रहेगा, गैर मुस्लिम इसमें दखल नहीं दे सकेगा। मुतवल्ली भी मुसलमान ही होगा। इसमें बच्चों, महिलाओं, धार्मिक भावना और धार्मिक व्यवस्था का सारा काम मुस्लिम के हाथ में ही होगा। वक्फ बोर्ड को हम ताकतवर बना रहे हैं। जो मुसलमान अपनी संपत्ति को वक्फ के हिसाब से चलाना चाहता है, उसे उसकी पूरी इजाजत होगी। वक्फ बोर्ड पारदर्शिता, जवाबदेही और गुणवत्ता के हिसाब से होना चाहिए, हमारा इसी पर फोकस है। हम किसी की धार्मिक भावना को चोट नहीं पहुंचा रहे हैं। कोई मुसलमान वक्फ क्रिएट कर सकता है। शिया, सुन्नी, शेख सभी मिलकर वक्फ में होंगे। इसमें कोई भेदभाव नहीं होगा।

केरल, इलाहाबाद, राजस्थान उच्च न्यायालयों द्वारा वक्फ बोर्ड के बारे में लंबित मामलों में जो टिप्पणियां की गई हैं, उनका जिक्र भी किरेन रिजिजू ने सदन में बिल पेश करते समय किया। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2013 में जो कमेटी बनी, उसकी सिफारिशें संसद के दोनों सदनो में पारित हुईं। तत्कालीन यूपीए सरकार ने 2014 में लोकसभा चुनाव से ऐन पहले दिल्ली में 123 संपत्तियों को डिनोटिफाई कर दिया।

उन्होंने कहा कि यह बिल अच्छी सोच के साथ लाया गया है, इसके साथ नया सवेरा हो रहा है। नये बिल का नाम “उम्मीद” होगा। कलेक्टर से लेकर सबकी भूमिका पारदर्शी होगी। यूनिफाइड एफर्ट के साथ यह बिल लाया गया है। सभी वर्गों के मुसलमानों को इसमें प्रतिनिधित्व मिलेगा और उनका सशक्तीकरण किया जाएगा। सेंट्रल डेटा बेस बनेगा। वक्फ संपत्तियों का ऑनलाइन ट्रैकिंग बंदोबस्त होगा। इससे वक्फ संपत्तियों का तेजी से विकास होगा। अभी तक कहा जाता रहा है कि देश में डिफेंस और रेलवे के बाद तीसरी सर्वाधिक लैंड प्रापर्टी वक्फ के पास है लेकिन मैं बताना चाहूंगा कि दुनिया में सबसे अधिक वक्फ प्रापर्टी वक्फ के पास है। इसके बावजूद इसका कोई लाभ देश के गरीब मुसलमानों को नहीं मिल पा रहा है। इस विधेयक के पास होने के बाद सरकार इसे अच्छी मंशा के साथ काम करेगी और इससे गरीब मुसलमानों का जीवन स्तर सुधरेगा।

रिजिजू ने कहा कि वक्फ संपत्ति का टाइटल होने के लिए दस्तावेज चाहिए होगा, जुबानी नहीं चलेगा। वक्फ संपत्ति रजिस्टर्ड है, उससे कोई छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा। अगर अदालत में लंबित है तो उस मामले में अंतिम निर्णय कोर्ट का ही होगा। जिस वक्फ संपत्ति का दस्तावेज होगा, उस मामले में राज्य सरकार तदनुरूप कार्रवाई करेगी। कोई भी व्यक्ति वही संपत्ति वक्फ कर सकता है, जिसका स्वामित्व उसके पास है। वह पत्नी और बच्चों की संपत्ति से कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा। पुरातत्व और धरोहरों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं किया जा सकेगा। अनुसूचित जनजाति इलाके में कोई जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित नही कर सकते, यह आदिवासियों के हितों के संरक्षण के मद्देनजर किया गया है।

उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने व्यवस्था दी थी कि पंचाट में लंबित केस के खिलाफ आप कोर्ट में अपील में नहीं जा सकते हैं लेकिन अब अगर पंचाट में न्याय नहीं मिल रहा है तो आपको कोर्ट जाने के लिए रास्ता खोल दिया गया है। अभी पंचाट में 31 हजार 999 केस लंबित हैं, इसलिए इसे भी सक्रियता के साथ निपटाना होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के गुरुद्वारों और मुरंबन (केरल) में कैथोलिक बिशप ने भी मुझे और सांसदों के पत्र लिखकर अपील की है कि इस बिल का समर्थन करना चाहिए। रिजिजू ने कहा कि ये बिल करोड़ों लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया है। सदन के कई सदस्य जेपीसी में भी हैं, उनका और अन्य सदस्यों का सुझाव सुनूंगा और बाद में उनका जवाब दूंगा। उन्होंने सदस्यों से हंगामा करने की बजाय उचित सुझाव देने की अपील की।

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