Mon, Jan 20, 2025
22 C
Gurgaon

एमडीएम अस्पताल में हुई एब्सेंट पलमोनरी वाल्व की दुर्लभ सर्जरी

जोधपुर, 20 जनवरी (हि.स.)। शहर के डॉ. एस.एन. मेडिकल कॉलेज के अधीन माथुरादास माथुर अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक विभाग में पश्चिमी राजस्थान की पहली हृदय की विकृति टेट्रालोजी ऑफ फैलो के साथ एब्सेंट पलमोनरी वाल्व की दुर्लभ सर्जरी की गई।

सीटीवीएस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुभाष बलारा ने बताया कि ब्यावर निवासी 23 वर्षीय सोनी सीने में दर्द, सांस फूलने तथा अनायास नीले पडने की तकलीफ से जूझ रही थी ,यह बीमारी गत 2 वर्षों से बढ़ती जा रही थी जिसके लिए उसने अपने क्षेत्र में इलाज लिया परंतु लाभ ना मिलने की स्थिति में वह जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल के सीटीवीएस वार्ड में भर्ती हुई। जहां जांचो (इकोकार्डियोग्राफी एवं हार्ट के सीटी स्कैन) में हृदय की जन्मजात विकृति टेट्रालोजी ऑफ फैलो के साथ पलमोनरी वाल्व न होने की पुष्टि हुई। हृदय के चार वोल्वो में से एक- पलमोनरी वाल्व जन्म से ही मौजूद नहीं था। अत: हार्ट की करेक्टिव सर्जरी एवं वाल्व इंप्लांटेशन करने का निर्णय लिया गया।

सिटीवीएस विभाग के सहायक आचार्य डॉ अभिनव सिंह ने बताया कि टेट्रालोजी ऑफ फैलो के साथ एब्सेंट पलमोनरी वाल्व एक दुर्लभ बीमारी है। इस बिमारी का इंसिडेंस नॉर्मल पॉपुलेशन में 0.004 पर 1000 लाइव बर्थ होता है। इस बीमारी में बच्चे सांस फूलने ,नीला पडने से लेकर हार्ट फैलियर तक की प्रेजेंटेशन में आते है। यह बीमारी अमूमन हार्ट की अन्य जन्मजात रोगों तथा क्रोमोसोमल एब्नार्मेलिटीज के साथ एसोसिएटेड होती है। इस बीमारी में हृदय के वेंट्रीकल लेवल में छेद होता है, हृदय का दाहिना हिस्सा जहां से खून की धमनी फेफड़ों की तरफ जाती है वहां मांसपेशियों का गुच्छा होता है, जिसके कारण फेफड़ों मे खून की आपूर्ति पूरी नहीं होती ऐसे में यह बच्चे जन्म के उपरांत नीले पड़ जाते हैं और समय पर ऑपरेशन ना होने पर यह जानलेवा साबित होता है। इस केस में हार्ट के चार वोल्वो में से एक वैलव (पलमोनरी वाल्व) जन्म से ही मौजूद नहीं था। इस जटिल ऑपरेशन में न केवल हृदय के छेद को हार्ट की झिल्ली पेरिकार्डियम से बंद किया गया बल्कि हृदय के दाहिने हिस्से से मांसपेशियों के गुच्छे को हटाया गया और पलमोनरी वाल्व की जगह आर्टिफिशियल बायोप्रोस्थेटिक वाल्व लगाया गया ताकि खून का बहाव फेफड़ों की तरफ सुचारू रूप से संचालित रहे, फेफड़ों की तरफ खून ले जाने वाली महाधमनी पलमोनरी आर्टरी का भी ऑग्मेंटेशन किया गया।

ऑपरेशन बाइपास मशीन पर :

यह पूरा ऑपरेशन बाइपास मशीन पर किया गया। ऑपरेशन के पश्चात मरीज को सिटी आईसीयू शिफ्ट किया गया जहां सारे पैरामीटर नॉर्मल होने के उपरांत मरीज को वेंटिलेटर से हटाया गया। अब मरीज सि टी वी एस वार्ड में उपचाराधीन है और सभी जांचें, ब्लड पैरामीटर्स इकोकार्डियोग्राफी नॉर्मल है।

डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल एवं कंट्रोलर डॉ बी एस जोधा तथा एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ गणपत चौधरी ने सीटीवीएस टीम को बधाई दी। यह ऑपरेशन मुख्यमंत्री चिरंजीवी चिकित्सा योजना के अंतर्गत नि:शुल्क किया गया।

ऑपरेशन टीम में यह रहे शामिल :

सिटीवीएस विभाग के डॉ सुभाष बलारा, डॉ अभिनव सिंह, डॉ देवाराम, डॉ अमित निश्चेतन विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ राकेश करनावत, सह आचार्य डॉ भरत चौधरी, परफ्यूशनिस्ट माधो सिंह और मनोज शामिल थे। ओटी स्टाफ विनीता, ममता, शक्ति, सीटी आईसीयू के डॉ भूपेंद्र, डॉ भावेश, सिटी आईसीयू स्टाफ नरेश, राहुल, भंवर। सीटी वार्ड स्टाफ तपस्या और कुलदीप ने इलाज में अहम भूमिका निभाई।

Hot this week

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...

OnePlus 13 के लॉन्च से पहले सामने आई पहली झलक, iPhone जैसे बटन के साथ मिलेगा कर्व्ड डिस्प्ले

वनप्लस अपने अपकमिंग फ्लैगशिप स्मार्टफोन की लॉन्च डेट कन्फर्म...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img