ढाका, 10 जुलाई (हि.स.) – बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और तीन अन्य लोगों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-1 में मानवता के विरुद्ध अपराधों का औपचारिक मुकदमा शुरू हो गया है। यह मुकदमा 2024 के जुलाई जनविद्रोह से जुड़ा है, जिसमें सरकार पर गंभीर दमनात्मक कार्रवाई के आरोप लगे थे।
🔍 आरोप और अभियुक्त:
- प्रधान आरोपी: शेख हसीना (पूर्व प्रधानमंत्री)
- अन्य आरोपी:
- असदुज्जमां खान (पूर्व गृहमंत्री)
- चौधरी अब्दुल्ला अल मामून (पूर्व पुलिस महानिरीक्षक)
- एक अज्ञात वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी
✍️ आरोप:
- जनविद्रोह के दौरान अत्यधिक बल प्रयोग,
- अवैध हिरासत और हत्या,
- नागरिकों पर बर्बर दमन,
- मानवता के विरुद्ध कार्यवाहियां।
🧾 न्यायाधिकरण की कार्यवाही:
- अध्यक्षता: न्यायमूर्ति गुलाम मुर्तुजा मोजुमदार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ।
- सरकारी गवाह:
- चौधरी अब्दुल्ला अल मामून ने सरकारी गवाह बनने की इच्छा जताई है।
- उन्होंने अपराध स्वीकार कर अभियोजन का साथ देने का फैसला किया।
🚨 भगोड़ा घोषित:
- शेख हसीना और असदुज्जमां खान को न्यायाधिकरण ने पहले ही भगोड़ा घोषित कर दिया है, क्योंकि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका।
📌 पहली बार सुनवाई में नाम:
यह पहली बार है कि किसी जुलाई आंदोलन से जुड़े केस में शेख हसीना का नाम औपचारिक रूप से सुनवाई में शामिल हुआ है।
- 1 जून को न्यायाधिकरण ने मानवता विरोधी आरोपों पर संज्ञान लिया था।
- अब मुकदमे की प्रक्रिया पूरी तरह शुरू हो गई है।
⚖️ प्रतिनिधित्व:
- मुख्य अभियोजक: मोहम्मद ताजुल इस्लाम
- रक्षा वकील: अमीर हुसैन
📣 निष्कर्ष:
इस केस से बांग्लादेश की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ आ सकता है।
शेख हसीना, जिन्होंने लंबे समय तक सत्ता में रहकर शासन किया, अब मानवता के विरुद्ध अपराध के कठघरे में हैं। यदि यह मुकदमा आगे बढ़ा, तो बांग्लादेश की राजनीति में भूचाल आ सकता है।