🇮🇳 सैन्य सम्मान से दी गई जवान हराराम सारण को अंतिम विदाई
❄️ ड्यूटी के दौरान बिगड़ी तबीयत
भारतीय सेना के जवान हवलदार हराराम सारण का निधन लेह बॉर्डर पर तैनाती के दौरान हुआ।
वे ऑपरेशन स्नो लियोपार्ड में न्योमा (लेह) में ड्यूटी कर रहे थे।
🏥 इलाज के दौरान ली अंतिम सांस
ठंड और बर्फीले मौसम के कारण तबीयत बिगड़ी, जिसके बाद उन्हें चंडी मंदिर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
5 अगस्त 2025 को उन्होंने अंतिम सांस ली।
🚩 15 KM लंबी तिरंगा यात्रा
उनकी पार्थिव देह जोधपुर से उनके गांव कोनरी (बालेसर) लाई गई।
जसनाथ नगर टोल प्लाजा से कोनरी तक 15 किलोमीटर तिरंगा यात्रा निकाली गई।
👨👩👧👦 परिवार में शोक की लहर
- पत्नी सपना को परिजनों ने संभाला
- 10 वर्षीय बेटा जसवंत ने पिता को मुखाग्नि दी
- 8 वर्षीय बेटी आरती ने अंतिम दर्शन किए
🤝 विधायक और सेना का सम्मान
विधायक बाबूसिंह राठौड़ ने पार्थिव देह को कंधा दिया।
सेना की 20वीं बटालियन और सैनिक कल्याण अधिकारी ने सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करवाया।
पिता सोनाराम सारण और भाई को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा गया।