नई दिल्ली, 4 जून (हि.स.) — सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। जस्टिस संजय करोल की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने स्पष्ट किया कि इस याचिका पर ग्रीष्मावकाश के बाद सुनवाई की जाएगी।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि भोपाल गैस त्रासदी से जुड़ा यह खतरनाक कचरा पीथमपुर में जलाना स्थानीय लोगों के लिए स्वास्थ्य और पर्यावरण खतरा बन सकता है। याचिका में कहा गया कि इस निर्णय के लिए स्थानीय लोगों से कोई राय नहीं ली गई और यदि कचरे से रेडिएशन फैलता है तो पीथमपुर में उसकी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है।
इससे पहले भी, 27 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट ने 3 दिसंबर 2024 को आदेश जारी कर यूनियन कार्बाइड के जहरीले अपशिष्ट को भोपाल से पीथमपुर की डिस्पोजल साइट पर स्थानांतरित करने की अनुमति दी थी।
याचिका में यह चिंता जताई गई है कि पीथमपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्र में इस प्रकार के उच्च जोखिम वाले कचरे को जलाना, बिना वैज्ञानिक मूल्यांकन और सार्वजनिक भागीदारी के, गंभीर संकट उत्पन्न कर सकता है।
भोपाल गैस त्रासदी, जो 2-3 दिसंबर, 1984 की रात को हुई थी, में मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस के रिसाव से 3000 से अधिक लोगों की मौत और एक लाख से अधिक लोगों के प्रभावित होने की पुष्टि हुई थी। यह आज भी दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदियों में से एक मानी जाती है।
इस याचिका पर गर्मियों की छुट्टियों के बाद सुप्रीम कोर्ट विस्तृत सुनवाई करेगा। तब तक यूनियन कार्बाइड के कचरे के पीथमपुर में डिस्पोजल को लेकर स्थिति बनी रहेगी।