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चाैबीस बैठकों के साथ 181 घंटे 52 मिनट चली विधानसभा, ढाई हजार से अधिक लोगों ने देखी कार्यवाही

सोलहवीं राजस्‍थान विधान सभा का तृतीय सत्र

जयपुर, 25 मार्च (हि.स.)। सोलहवीं राजस्थान विधान सभा का ‌तृतीय सत्र चाैबीस बैठकों के साथ 181 घंटे 52 मिनट चला। साथ ही तृतीय सत्र की कार्यवाही को 2841 लोगों ने सदन की दर्शक दीर्घा में बैठकर देखा। देवनानी ने कहा कि वर्तमान सत्र में दस विधेयक सदन द्वारा पारित किये गये तथा तीन विधेयक प्रवर समिति को सुपुर्द किये गए।

राजस्थान विधान सभा के ‌तृतीय सत्र के सोमवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हाेने पर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने तीन सत्र चलाये जाने की मंशा जताई। देवनानी ने कहा कि लोक सभा में तीन सत्र होते हैं तथा अन्‍य विधान सभाओं में भी तीन सत्र होने लगे हैं, उसी भांति राजस्‍थान विधान सभा में भी तीन सत्र चलें। उन्‍होंने कहा कि यदि हम ऐसा करेंगे तो सभी विधायकों को सदन में अधिक भाग लेने की अनुमति मिल सकेगी।

देवनानी ने कहा कि इस सत्र में विधायकों से कुल 9800 प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें से तारांकित प्रश्न 4480, अतारांकित प्रश्न 5302 एवं अल्प सूचना प्रश्न 18 हैं। कुल 516 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए, जिनमें से 288 प्रश्न मौखिक रूप से पूछे गये एवं उनके उत्तर दिये गये। इसी तरह 576 अतारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए। उन्‍होंने कहा कि विगत सत्र में विधायकों से कुल 8088 प्रश्न प्राप्त हुए थे, जिनमें से तारांकित प्रश्न 3810 एवं अतारांकित प्रश्न 4278 थे, जिनमें से कुल 420 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए, 268 प्रश्न मौखिक रूप से पूछे गये एवं उनके उत्तर दिये गये। इसी तरह 426 अतारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुये थे। देवनानी ने कहा कि सोलहवीं राजस्थान विधान सभा के प्रथम एवं द्वितीय सत्र में प्राप्त कुल 10,049 प्रश्नों में से अब तक 9453 के उत्तर प्राप्त हो चुके है और 596 शेष रहे हैं। 95 प्रतिशत प्रश्‍नों के उत्‍तर प्राप्‍त हो गये है और शेष भी जल्‍द ही प्राप्‍त हो जायेंगे। राजस्‍थान विधान सभा के अभी तक के सत्रों में यह सर्वाधिक है।

देवनानी ने कहा कि नियम 50 के अंतर्गत कुल 231 स्थगन प्रस्तावों की सूचना प्राप्त हुई। इनमें से 71 स्थगन प्रस्तावों पर सदन में बोलने का अवसर दिया गया तथा 63 विधायकों ने अपने विचार रखे। उन्‍होंने सदन को अवगत कराया कि विगत सत्र में प्रक्रिया नियम 50 के अन्तर्गत कुल 194 स्थगन प्रस्ताव प्राप्त हुए। इनमें से 54 प्रस्तावों पर सदन में बोलने का अवसर दिया गया था।

देवनानी ने कहा कि आय-व्ययक अनुमान वर्ष 2025-26 गत 19 फरवरी को सदन में उपस्थापित किया गया, जिस पर गत सत्रों से एक दिवस अधिक अर्थात 5 दिन सामान्य वाद-विवाद के लिए नियत किये गये, जिसमें 96 विधायकों ने भाग लिया। 27 फरवरी को उप मुख्यमंत्री ने परिवर्तित आय-व्ययक पर हुए वाद-विवाद का राज्य सरकार की ओर से उत्तर दिया। देवनानी ने कहा कि विभागों से संबंधित 64 अनुदानों की मांगों में से अब तक सर्वाधिक 17 अनुदान की मांगों पर सदन में चर्चा के लिए 8 दिवस नियत किये गये। अनुदानों की मांगों पर हुई चर्चा में कुल 349 सदस्यों ने भाग लिया।

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