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पानी संकट पर अधिकारियों पर भड़कीं वसुंधरा, कहा-अफसर सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं, नेता प्रतिपक्ष ने भी साधा निशाना

जयपुर, 9 अप्रैल (हि.स.)। झालावाड़ जिले में गर्मी शुरु हाेनें के साथ ही जल संकट को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अधिकारियाें सख्त चेतावनी देते हुए तत्काल व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए। मंगलवार शाम रायपुर कस्बे के दौरे पर पहुंची वसुंधरा राजे से जब ग्रामीणों ने पेयजल संकट की शिकायत तो पूर्व मुख्यमंत्री जलजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अफसरों पर भड़क पड़ीं। राजे के सवालाें का अधीक्षण अभियंता समेत उपस्थित किसी भी अधिकारी ने संतोषप्रद जवाब नहीं दिया। इस पर राजे ने कहा कि लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए।बाद में राजे ने सोशल मीडिया पर देर रात दो पोस्ट कर अफसरों के कामकाज की शैली पर सवाल उठाए।राजे के सख्त तेवराें काे देखते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी।

वसुंधरा राजे ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि क्या जनता को प्यास नहीं लगती? सिर्फ़ आप अफ़सरों को ही लगती है। गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त है। अफ़सर तृप्त है। पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुँचे। अफ़सर सो रहें है, लोग रो रहें हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूँगी। रायपुर क़स्बे के ग्रामीणों की पेयजल संकट की शिकायत पर जलजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अफसरों को त्वरित समाधान के सख्त निर्देश दिए।

उन्हाेंने लिखा कि प्रधानमंत्री जी ने 42 हज़ार करोड़ जल जीवन मिशन में दिये हैं। पाई-पाई का हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का आपने क्या किया? पेयजल संकट निवारण के लिए हमारी सरकार तो पैसा दे रही है, लेकिन अफसर योजनाओं की सही क्रियान्विति नहीं कर रहे। इसलिए राजस्थान के लोग प्यास से व्याकुल है। यह तो अप्रेल का हाल है। जून-जुलाई में क्या होगा? अधीक्षण अभियंता सहित उपस्थित कोई भी अधिकारी मुझे संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए। झालावाड़ में ऐसा हरगिज नहीं चलेगा।

राजे के सख्त रुख के बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी सरकार पर निशाना साधा । टीकाराम जूली ने एक्स पर पोस्ट किया कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जी का यह ट्वीट भाजपा सरकार की सच्चाई उजागर करने के लिए काफी है। कितनी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी कि पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी की सरकार के बावजूद पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति के लिए अपनी बात मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से कहनी पड़ रही है। जब भाजपा की ही पूर्व मुख्यमंत्री इस सरकार के अधिकारियों के सामने इतनी मजबूर हैं तो आमजन की स्थिति समझी जा सकती है।

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