कौन हैं विकास बराला?
- Vikas Barala भाजपा के पूर्व हरियाणा अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे हैं।
- 2017 में एक चर्चित स्टॉकिंग और अपहरण प्रयास मामले में उनका नाम आया था।
- उन्होंने एक IAS अधिकारी की बेटी का पीछा किया था, जिस पर देशभर में विवाद हुआ।
क्यों हो रही है आलोचना?
- Vikas Barala AAG जैसे संवेदनशील पद पर नियुक्ति को लेकर गंभीर आपत्तियाँ उठ रही हैं।
- मामला अभी कोर्ट में लंबित है और चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है।
- नियुक्ति से महिलाओं की सुरक्षा और कानूनी नैतिकता पर सवाल उठने लगे हैं।
सरकार का पक्ष क्या है?
- सरकार का तर्क है कि जब तक कोई दोषी सिद्ध न हो, तब तक वह अयोग्य नहीं माना जा सकता।
- उनका कहना है कि विकास बराला एक प्रशिक्षित वकील हैं और पद के योग्य हैं।
- हालांकि यह तर्क जनता और विपक्ष को संतुष्ट नहीं कर रहा।
विपक्ष और जनता का विरोध
- कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और महिला संगठनों ने इस निर्णय को गलत ठहराया।
- #VikasBaralaAAG ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है, जिसमें लोग फैसले की आलोचना कर रहे हैं।
- महिला सुरक्षा और नैतिक मूल्यों पर चोट की बात हो रही है।
सामाजिक और राजनीतिक असर
- इस नियुक्ति से सरकार की छवि पर असर पड़ सकता है।
- महिलाओं और युवाओं में रोष बढ़ा है।
- यह फैसला भविष्य में भाजपा को राजनीतिक नुकसान पहुंचा सकता है।
निष्कर्ष
Vikas Barala AAG की नियुक्ति केवल एक कानूनी निर्णय नहीं बल्कि एक सामाजिक और नैतिक मुद्दा बन चुकी है। क्या आरोपी को कानून का प्रतिनिधि बनाया जाना उचित है? यह सवाल अब हरियाणा ही नहीं, देशभर में गूंज रहा है।