धार्मिक उल्लास के साथ विध्यधाम में नवरात्र मेला प्रारंभ
मीरजापुर, 30 मार्च (हि.स.)। विध्यधाम में चैत्र नवरात्र मेला रविवार की भोर में मंगला आरती के साथ प्रारंभ हो गया। गंगा स्नान कर श्रद्धालु मां विध्यवासिनी के दर्शन और पूजन के लिए मंदिर के दोनों प्रवेश द्वारों और झांकी पर तड़के ही लंबी कतारों में खड़े हो गए। मंगला आरती के बाद मंदिर के कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं ने मां के जयकारों के साथ दर्शन कर पुण्य की कामना की। अष्टभुजा और कालीखोह मंदिरों पर भी भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन व पूजन में लगे रहे।
मेले के दौरान बिहार और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आए श्रद्धालु शनिवार की शाम को ही विध्यधाम पहुंच गए थे। शहर के होटल और अतिथिगृह श्रद्धालुओं से खचाखच भरे रहे। भोर में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए घाटों पर उमड़ पड़े, इसके बाद वे हाथों में माला-फूल और प्रसाद लिए मंदिर के प्रवेश द्वारों और झांकी मार्ग पर दर्शन की प्रतीक्षा में खड़े हो गए। चार बजे भोर में मंगला आरती के बाद मंदिर का गर्भगृह खुलते ही श्रद्धालु मां के जयकारों के साथ दर्शन-पूजन में जुट गए। विध्यवासिनी के दर्शन के पश्चात अष्टभुजा और कालीखोह मंदिरों की ओर भी श्रद्धालुओं का रुख बना रहा। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने त्रिकोण परिक्रमा की, जिससे पूरा मार्ग भक्तिमय माहौल से गूंजता रहा।
निर्माण कार्य के कारण इन घाटों पर स्नान प्रतिबंधित
चैत्र नवरात्र के दौरान विंध्याचल के कई गंगा घाटों पर निर्माण कार्य जारी रहने के कारण श्रद्धालुओं को स्नान करने की अनुमति नहीं दी गई है। परशुराम घाट, इमली घाट, बाबू घाट और भैरव घाट सहित अन्य स्थानों पर पाथ-वे निर्माण हो रहा है, जिसके चलते प्रशासन ने श्रद्धालुओं को इन घाटों से दूर रहने की सलाह दी है और बैरिकेडिंग कर आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है।
स्वच्छता और सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
मेला क्षेत्र में 250 सफाई कर्मियों की तैनाती की गई है, जो तीन शिफ्टों में 24 घंटे सफाई सुनिश्चित करेंगे। उन्हें टोपी, वर्दी और ग्लब्स जैसी सुरक्षा किट प्रदान की गई है। गंगा घाटों पर स्नान के बाद वस्त्र बदलने के स्थान, शौचालय, प्रकाश और पेयजल की समुचित व्यवस्था की गई है।
दर्शन के लिए बीस घंटे खुला रहेगा मंदिर
चैत्र नवरात्र मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर का गर्भगृह प्रतिदिन बीस घंटे खुला रहेगा। मंगला आरती का समय सुबह 3 बजे से 4 बजे तक कर दिया गया है। दोपहर की राजश्री आरती 12 बजे से 1 बजे के बीच होगी, जबकि संध्या आरती 7 बजे से 8 बजे तक होगी। बड़ी आरती का समय पूर्ववत 9:30 बजे से 10:30 बजे तक रहेगा।
नियमों के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि कोई भी अधिकारी, पुलिसकर्मी या पंडा समाज का व्यक्ति मंदिर के निकासी द्वार से श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं कराएगा। उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्नान के लिए चिन्हित घाटों पर पुलिस और मजिस्ट्रेट की तैनाती सुनिश्चित की गई है ताकि कोई बैरिकेडिंग पार न कर सके।
सुविधाओं में विस्तार
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने मंदिर क्षेत्र को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया है। परिक्रमा पथ पर धूप से बचाव के लिए टेंट लगाए गए हैं, और गंगा घाटों पर महिलाओं के लिए वस्त्र बदलने के सुरक्षित स्थान बनाए गए हैं। गर्मी को ध्यान में रखते हुए वीआईपी मार्गों और अन्य प्रमुख रास्तों पर टेंट व मैट बिछाए गए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
मेला क्षेत्र को 10 जोन और 21 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। तीन अपर पुलिस अधीक्षक, 14 सीओ, 1955 कांस्टेबल, एक कंपनी एटीएस, दो कंपनी पीएसी, एक प्लाटून एसडीआरएफ और जल पुलिस की तैनाती की गई है। गंगा घाट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और मंदिर परिसर सहित संवेदनशील स्थानों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी निगरानी हेतु 24 घंटे संचालित कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिलाधिकारी ने सुरक्षा के दृष्टिगत 10 जोन और 21 सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की है, जिनकी ड्यूटी क्लॉक वाइज निर्धारित की गई है।