Fri, Jan 17, 2025
10.6 C
Gurgaon

बोडोलैंड मिशन बिस्वमूथीः एक वर्ष में 101996 भूमि समस्याओं का समाधान

कोकराझार (असम), 31 दिसम्बर (हि.स.)। देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित बोडोलैंड एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र है। यहां के लोग, जो मुख्यतः बोडो समुदाय से संबंधित हैं, लंबे समय से अपनी भूमि और पहचान के लिए संघर्ष करते रहे हैं। इन संघर्षों और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) प्रशासन ने बिस्वमूथी भूमि योजना की शुरुआत की। बीटीआर परिषदीय सरकार ने सोशल मीडिया के जरिए बताया है कि गत एक वर्ष में 120797 भूमि समस्याओं का आवेदन अनलाइन के माध्यम से किया गया था जिसमें से बोडोलैंड मिशन: बिस्वमूथी भूमि योजना के माध्यम से 101996 समस्याओं का समाधान किया जा चुका है और शेष समस्याओं की जांच चल रही है।

ज्ञात हो कि यह योजना न केवल भूमि विवादों को सुलझाने के उद्देश्य से शुरू की गई है, बल्कि यह ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। बोडोलैंड क्षेत्र में भूमि विवाद एक लंबे समय से गंभीर समस्या रही है। क्षेत्र में उचित भूमि रिकॉर्ड की कमी और अवैध कब्जों ने कई विवादों को जन्म दिया। विभिन्न समुदायों की ज़मीनें असुरक्षित थीं। कई परिवार अपने अधिकारों से वंचित रह गए थे। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) ने मिशन बिस्वमूथी नामक एक व्यापक योजना की शुरुआत की।

इस योजना का उद्देश्य भूमि रिकॉर्ड को डिजिटलाइज़ कर पारदर्शिता और प्रभावशीलता बनाना है। भूमि विवादों का समाधान कर स्थानीय स्तर पर विवादों को समाप्त करना और न्याय सुनिश्चित करने के साथ-साथ सुरक्षित भूमि अधिकारों के माध्यम से कृषि और अन्य आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है। भूमि का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित कर पर्यावरणीय स्थिरता बनाए रखना है। योजना के अंतर्गत कार्यान्वित गतिविधियां सर्वेक्षण और पंजीकरण शामिल है।

बिस्वमूथी योजना के तहत व्यापक भूमि सर्वेक्षण किया गया। यह सर्वेक्षण आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन और जीआईएस (जीआईएस) मैपिंग के माध्यम से किया गया, जिससे भूमि की सही स्थिति को मापा और दर्ज किया जा सके। ग्रामीण स्तर पर जनजागरण कर स्थानीय समुदायों को भूमि अधिकारों के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। इसके लिए ग्राम सभाओं, कार्यशालाओं और प्रचार अभियानों का आयोजन किया गया। आधुनिक तकनीक का उपयोग कर योजना के तहत एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया गया, जहां लोग अपने भूमि रिकॉर्ड की जानकारी देख सकते हैं। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ी, बल्कि प्रशासनिक कार्यों की गति भी तेज हुई।

भूमि अधिकारों का वितरण कर योजना के तहत, गरीब और भूमिहीन किसानों को भूमि के अधिकार पत्र (पट्टा) दिए गए। यह कदम सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने और आर्थिक आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ। योजना के द्वारा ग्रामीण समुदायों में स्थिरता, भूमि अधिकारों की सुरक्षा से ग्रामीण समुदायों में शांति और स्थिरता आई है। आर्थिक प्रगति के दृष्टिकोण से भूमि स्वामित्व से किसानों को बैंकों से ऋण लेने और अपनी आय बढ़ाने में मदद मिल रही है।

महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में महिलाओं को भूमि पर समान अधिकार देकर उन्हें सशक्त बनाया जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भूमि के उपयुक्त उपयोग से पर्यावरणीय क्षरण को रोका गया। बिस्वमूथी योजना के तहत सैकड़ों परिवारों को उनका भूमि अधिकार मिला है। इसी तरह, कई आदिवासी महिलाओं को उनके नाम पर भूमि के पट्टे मिले, जिससे उनके जीवन में आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता का भाव आया।

हालांकि, योजना को व्यापक स्तर पर सराहा गया, लेकिन इसे लागू करने के दौरान कई चुनौतियाँ सामने आईं। जैसे- डिजिटल भूमि रिकॉर्ड के लिए तकनीकी ज्ञान की कमी। प्रशासन ने तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए। कुछ समूहों द्वारा भूमि वितरण प्रक्रिया पर असहमति जतायी गयी। इस योजना को लागू करने में संवाद और सामुदायिक बैठकों के माध्यम से समस्याओं को सुलझाया गया। आनेवाले दिनों में मिशन बिस्वमूथी को और प्रभावी बनाने के लिए प्रशासन ने कई नए लक्ष्य तय किए हैं, जैसे- हर गांव में भूमि अधिकार केंद्र स्थापित करना। महिलाओं और वंचित वर्गों के लिए विशेष योजनाएं शुरू करना। भूमि उपयोग की निगरानी के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करना।

मिशन बिस्वमूथी न केवल बोडोलैंड के भूमि विवादों को सुलझाने में मददगार साबित हुआ है, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास और सामाजिक एकता के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण है। इस योजना ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब सही नीतियां और प्रौद्योगिकी का उपयोग सामुदायिक हित के लिए किया जाए, तो बड़े से बड़े सामाजिक मुद्दों को हल किया जा सकता है।

बोडोलैंड की यह विकास यात्रा आने वाले समय में अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक आदर्श साबित हो सकती है। मिशन बिस्वमूथी इस बात का प्रमाण है कि सही दिशा और समर्पण से क्षेत्रीय विकास और सामाजिक न्याय को प्राप्त किया जा सकता है।

Hot this week

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img