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लंबा इंतजार खत्म​, एलसीए तेजस के मार्क-1ए ने बेंगलुरु के आसमान में उड़ान भरी

– चार विमानों ने योद्धा नामक ‘फिंगर फोर’ फॉर्मेशन में अद्भुत हवाई प्रदर्शन किया

बेंगलुरु, 11 फरवरी (हि.स.)। एशिया की सबसे बड़ी हथियारों की प्रदर्शनी ‘एयरो इंडिया’ का पहला दिन ही भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए बड़ी खुशखबरी वाला रहा। लंबे इंतजार को खत्म करते हुए सोमवार शाम को स्वदेशी लाइट काम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस के मार्क-1ए ने बेंगलुरु के आसमान में उड़ान भरी। चार विमानों ने योद्धा नामक ‘फिंगर फोर’ फॉर्मेशन में उड़ान भरकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मार्क-1ए के दूसरे प्रोटोटाइप ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने अद्भुत हवाई प्रदर्शन किया।

दरअसल, एलसीए तेजस एमके-1ए पर सॉफ्टवेयर का परीक्षण काफी समय पहले ही पूरा हो गया था। अंतिम परीक्षण के बाद अक्टूबर के अंत तक भारतीय वायु सेना को पहला तेजस एमके-1ए मिलने का भी रास्ता साफ हो गया था, लेकिन इसमें लगने वाले इंजन की अमेरिका से आपूर्ति में देरी की वजह से इंतजार लंबा हो गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में अपनी वाशिंगटन यात्रा के दौरान तेजस एमके-1ए में लगने वाले जनरल इलेक्ट्रिक एफ-404 इंजन की आपूर्ति में देरी का मुद्दा उठाया था। सहमति बनने के बाद इंजन निर्माता कंपनी ने कार्यक्रम संशोधित किया है।

भारतीय वायु सेना के साथ फरवरी, 2021 में अनुबंध होने के बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को इसी साल मार्च से नए विमान की आपूर्ति होनी थी। इस बीच वायु सेना ने सॉफ्टवेयर में बदलाव की मांग कर दी, जिसके चलते विमान की डिलीवरी में कम से कम चार महीने की देरी हुई है। पहला तेजस विमान बी श्रेणी के इंजन के साथ दिया जाएगा। यह इंजन तेजस विमानों के लिए अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) के साथ सौदे के पहले हिस्से के रूप में भारत को मिला था।

वायु सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सॉफ्टवेयर में बदलाव का काम पूरा हो चुका है और पहला विमान अक्टूबर अंत तक डिलीवर हो जाएगा। एचएएल के मुताबिक तेजस एमके-1ए में डिजिटल रडार चेतावनी रिसीवर, एक बाहरी ईसीएम पॉड, एक आत्म-सुरक्षा जैमर, एईएसए रडार, रखरखाव में आसानी और एवियोनिक्स, वायुगतिकी, रडार में सुधार किया गया है। इसमें उन्नत शॉर्ट रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (एएसआरएएएम) और एस्ट्रा एमके-1 एयर टू एयर मिसाइल लगाईं जाएंगी।

रक्षा मंत्री ने एयरो इंडिया के उद्घाटन से एक दिन पहले रविवार शाम को बेंगलुरु में एचएएल की अत्याधुनिक एलसीए तेजस मार्क-1ए की उत्पादन सुविधा का दौरा करके प्रगति का जायजा लिया था। एयरो इंडिया का उद्घाटन करने के बाद उनके सामने मार्क-1ए ने बेंगलुरु के आसमान में उड़ान भरकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। चार विमानों ने योद्धा फॉर्मेशन नामक ‘फिंगर फोर’ फॉर्मेशन में उड़ान भरकर एयरो इंडिया में लोगों को चौंका दिया। अत्याधुनिक सेंसर, एस्ट्रा बीवीआर और सटीक हथियारों के साथ भारतीय वायुसेना का अगली पीढ़ी का लड़ाकू विमान कार्रवाई के लिए तैयार है।

एचएएल के मुताबिक यह लड़ाकू विमान एलसीए मार्क-1 का उन्नत संस्करण है, जिसमें कई उन्नत विशेषताएं हैं। एलसीए बहु-भूमिका वाला विमान है, जो आसानी से आक्रामक हवाई सहायता, नजदीकी युद्ध और जमीनी हमले की भूमिका निभाने में सक्षम है। तेजस मार्क-1ए आने वाले दशकों तक भारतीय वायुसेना की रीढ़ की हड्डी के रूप में काम करेगा। तेजस एमके-1ए के 20 विमान प्रति वर्ष वायुसेना को मिलेंगे और 2027 तक पूरे 83 विमान वायु सेना को मिल जाएंगे। इनमें 73 लड़ाकू विमान और 10 ट्रेनर विमान होंगे। एलसीए तेजस एमके-1ए संस्करण में फिलहाल स्वदेशी सामग्री 50 फीसदी है जिसे 60 फीसदी तक बढ़ाया जाएगा।

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