देहरादून, 22 फरवरी (हि.स.)। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने ग्रामीण विकास, जलागम, पंचायती राज सहित सभी विभागों से राज्य की विशेष परिस्थितियों के अनुरूप संचालित योजनाओं में आवश्यक सुधार के लिए सुझाव मांगे हैं। उन्होंने ग्राम्य विकास से जुड़ी प्रत्येक योजना में कम से कम 5 इनोवेटिव सुझाव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।मुख्य सचिव ने यह निर्देश भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत आयोजित 7वें कॉमन रिव्यू मिशन (सीआरएम) की बैठक में दिए। बैठक में सीआरएम का नेतृत्व कर रहे आईएएस(से.नि.) व पूर्व सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण संजय अग्रवाल भी मौजूद रहे।
बैठक के दौरान सीआरएम सदस्यों को राज्य में अपनाई जा रही बेहतरीन कार्यप्रणालियों का विवरण देने के निर्देश दिए गए, साथ ही योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही चुनौतियों, बाधाओं और कमियों पर भी जानकारी मांगी गई।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नीतिगत स्तर पर आवश्यक सुधारों की बात कही। उन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत सेवा क्षेत्र को शामिल करने और वॉटरशेड कार्यक्रम में राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप सुधार के सुझाव दिए हैं।
जिलों में 24 फरवरी तक भ्रमण करेंगे सीआरएम के सदस्यग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार का 7वां कॉमन रिव्यू मिशन प्रदेश में 18 फरवरी से शुरू हो गया है, जो 02 मार्च तक प्रस्तावित है। सीआरएम को पूर्व सचिव संजय अग्रवाल लीड कर रहे हैं, जिसके तहत विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ, वरिष्ठ शिक्षाविदों सहित कुल 36 सदस्य उत्तराखंड सहित 09 राज्यों का दौरे पर हैं।
सीआरएम के सदस्यों ने 21 फरवरी की देर शाम मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में ब्रीफिंग सेशन आयोजित किया। सीआरएम के सदस्य आज से 24 फरवरी तक दो जनपदों का दौरा करेंगे, जिसके बाद सचिवालय में 25 फरवरी को सभी सदस्य पुनर्गठित होकर सचिव, ग्राम्य विकास विभाग की अध्यक्षता में डी-ब्रीफिंग सत्र में प्रतिभाग करेंगे।