नई दिल्ली, 18 मार्च (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र की बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को मिली अंतरिम राहत को अगले आदेश तक बढ़ा दी है। जस्टिस बीवी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान आज कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि आप जांच पूरी क्यों नहीं कर रहे हैं जबकि पूजा खेडकर ने हलफनामा दाखिल कर जांच में सहयोग देने की बात कही है। तब दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा कि इस मामले में हिरासत में पूछताछ की जरूरत है। तब कोर्ट ने पूछा कि सामान्य पूछताछ और हिरासत में पूछताछ में क्या अंतर है। कोर्ट ने कहा कि पूजा खेडकर ने फर्जी प्रमाण पत्र कहां से हासिल किया ये जानना जरूरी है और इसके लिए हिरासत में पूछताछ की जरूरत नहीं है। वो फर्जी प्रमाण पत्र हासिल करने की सरगना नहीं है।
कोर्ट ने 15 जनवरी को दिल्ली सरकार और यूपीएससी को नोटिस जारी किया था। पूजा खेडकर ने दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने 23 दिसंबर को पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया यूपीएससी के साथ फर्जीवाड़े का आरोप सही प्रतीत होता है। हाई कोर्ट ने कहा कि पूजा खेडकर दिव्यांग और ओबीसी कैटेगरी में लाभ की हकदार नहीं हैं। पूजा खेडकर प्रोबेशन के दौरान अवैध मांग करने को लेकर विवादों में घिर गई थीं। कलेक्टर सुहास दिवासे ने खेडकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। विवाद बढ़ने के बाद पूजा खेडकर पर महाराष्ट्र सरकार ने कार्रवाई करते हुए उनकी ट्रेनिंग पर रोक लगा दी था और पूजा खेडकर को फील्ड पोस्टिंग से हटाकर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया, लेकिन वो तय समय पर अकादमी नहीं पहुंचीं। पूजा खेडकर को यूपीएससी ने बर्खास्त भी कर दिया है।