Mon, Apr 21, 2025
30 C
Gurgaon

सागरः चमत्कारिक सिद्ध तांत्रिक शक्ति पीठ मां ज्वालादेवी के मंदिर में दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

सागर, 4 अप्रैल (हि.स.)। इन दिनों चैत्र नवरात्र चल रहे हैं और हर कोई मातारानी की भक्ति में लीन नजर आ रहा है। देवी मंदिरों में सुबह से देर रात तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। नवरात्रि के छठवें दिन शुक्रवार को सागर जिले के प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालादेवी मंदिर में सुबह से भीड़ लगी है। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। यह शक्ति पीठ तंत्र साधना से जुड़े लोग खास महत्व रखता है।

अद्भुत सिद्ध तांत्रिक शक्ति पीठ ज्वालादेवी का मंदिर सागर जिले में खुरई से 29 किमी दूर ग्राम जलंधर में स्थित है। मंदिर विंध्यगिरी पर्वत माला की श्रृंखला में लगभग 750 फीट ऊंचाई पर है। सुरखी विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले जलंधर गांव स्थित यह शक्ति पीठ अति प्राचीन है। यहां जाने के लिए आपको सबसे पहले जरुवाखेड़ा रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड पर उतरना पड़ेगा। यहां से चांदामऊ, लुहर्रा गांव होते हुए मां ज्वाला देवी के दरबार तक पहुंचा जा सकता है।

देवी की प्रतिमा अद्वितीय विलक्षण

शक्ति पीठ पर अति प्राचीन देवी जी की प्रतिमा की कृति एवं भव्यता आश्चर्य चकित करती है। लगभग साढ़े तीन फीट ऊंची मा देवी ज्वाला देवी जी की मूर्ति पद्मासन मुद्रा में दो शेरों पर सवार हैं। पीछे नौ देवियों के चित्र अंकित हैं। मूर्ति के बायी ओर श्री गणेश जी की विलक्षण प्रतिमाए है। ज्वाला देवी जी की नवीन मूति प्राण प्रतिष्ठा वर्ष 1987 में की गई है।

ये है मान्यता

जनश्रुति के अनुसार यहां पहले एक गांव बसा था, जिसमें शखों का नाद होता था। वहां से फूटे हुए मिट्टी के बर्तन, शंख के टुकड़े यत्र तत्र पड़े मिल जाते हैं। बाद में यह जंगल के रूप में परिवर्तित हो गया। एक किमी की दूरी पर छत्रसाल महाराज की अटारी अवशेष रूप में है। जनश्रुति के अनुसार महाराज छत्रसाल प्रत्येक नवरात्रि में यहां आकर मां की उपासना किया करते थे। मंदिर से कुछ ही दूरी पर मंजीरा घाटी पड़ती है जहां मजीरा बाबा के नाम से प्रसिद्ध स्थान है। यहां पर पत्थरों को आपस में ठोकने से मंजीरों जैसी मधुर पूर्व आवाज निकलती है।

पौराणिक दृष्टि से जिस समय दक्ष प्रजापति के यज्ञ में सती ने अपने शरीर की आहुति दी थी उस समय भगवान श्री शिवशंकर ने अधजले शरीर को लेकर मंत्र-तंत्र भ्रमण किया था। सती के जहां-जहां शरीर के अंग गिरे वे सभी सिद्ध शक्ति पीठ के नाम से प्रसिद्ध हुए। मां ज्वाला देवी अपने भक्तों के मनोरथ तत्काल पूर्ण करती हैं। श्रद्धालुओं का जमघट साल भर एवं क्वार की नवरात्रि एवं चौत्र की नवरात्रि में विशेष जन सैलाव उमड़कर अपनी मनोकामना पूर्ण हेतु माँ ज्वाला देवी के दर्शन करने आते हैं, एवं मनोकामना पूर्ण होने पर पुनः दर्शन करते आते हैं।

Hot this week

गंगा नदी के हालात का आकलन करने के लिए पर्यावरणविदों का विशेष अभियान

कोलकाता, 25 जनवरी (हि.स.)कोलकाता की एक पर्यावरण संस्था ‘मॉर्निंग...

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...
spot_img

Related Articles

Popular Categories