हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार देर रात शिमला की मॉल रोड पर मानवीय संवेदनशीलता का अद्भुत परिचय देते हुए एक बिछड़े मासूम बच्चे को उसके माता-पिता से मिलवाकर न केवल एक परिवार को राहत दी, बल्कि लोगों के दिल भी जीत लिए।
🕘 रात साढ़े 9 से 10 के बीच का दृश्य
मुख्यमंत्री रोज की तरह मॉल रोड पर चहलकदमी कर रहे थे, तभी उन्होंने एक 6-7 वर्षीय बच्चा रोते हुए देखा। बच्चे की हालत देख वे तुरंत उसके पास पहुंचे और बड़े ही स्नेहपूर्वक पूछा कि वह क्यों रो रहा है।
🧒 राजस्थान से आए पर्यटक परिवार का बच्चा
बातचीत में पता चला कि बच्चा अपने माता-पिता से भीड़ में बिछड़ गया है। वह राजस्थान से आए एक पर्यटक परिवार से था। मुख्यमंत्री ने बच्चे को प्यार से संभाला, उसे पानी पिलवाया और चॉकलेट दिलवाई, जिससे वह शांत हो सका।
📞 मां का मोबाइल नंबर बना सहारा
बच्चे को अपनी मां का मोबाइल नंबर याद था। मुख्यमंत्री ने तुरंत उस नंबर पर कॉल किया और बच्चे की बात उसकी मां से करवाई। मां फोन पर बेटे की आवाज सुनते ही भावुक हो गईं और तुरंत पति के साथ वहां पहुंचीं।
🧾 सत्यापन के बाद सौंपा गया बच्चा
मुख्यमंत्री के स्टाफ ने औपचारिक जांच-पड़ताल के बाद जब यह सुनिश्चित कर लिया कि यही असली माता-पिता हैं, तब बच्चे को सौंप दिया गया।
👥 मौके पर मौजूद लोगों की आंखें हुईं नम
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान मॉल रोड पर लोगों की भीड़ लग गई। मुख्यमंत्री की इस संवेदनशील पहल को देखकर कई लोग भावुक हो उठे। पर्यटकों ने कहा, “एक मुख्यमंत्री अगर खुद ऐसा कदम उठाए, तो यह वाकई जनसेवा का सच्चा उदाहरण है।”
👪 बच्चे के माता-पिता का आभार
बच्चे के माता-पिता ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा, “हम यह पल जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगे। हमारे लिए आज वे सिर्फ मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि एक सच्चे अभिभावक बनकर सामने आए।”
📌 पर्यटन सीजन में उमड़ रही भारी भीड़
उल्लेखनीय है कि इन दिनों शिमला में पर्यटन सीजन जोरों पर है। ऐसे में भीड़-भाड़ के चलते बच्चे बिछड़ने की घटनाएं आम हो रही हैं। मुख्यमंत्री की यह पहल अन्य अधिकारियों और आम जनता के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।